News

अब ड्राइवर को झपकी आई तो सिस्टम बजा देगा अलार्म! ट्रकों में लगेगा अनिवार्य सेफ्टी अलर्ट फीचर

सरकार ने सड़क हादसों पर लगाम लगाने के लिए अप्रैल 2026 से 8 या अधिक पैसेंजर वाले वाहनों में एडवांस सेफ्टी फीचर्स को अनिवार्य करने की योजना बनाई है। इनमें AEBS, DDAWS, LDWS और BSMS जैसे फीचर्स शामिल होंगे। यह कदम सड़क सुरक्षा को मजबूती देगा और जानलेवा दुर्घटनाओं में कमी लाने में मदद करेगा।

Published on
अब ड्राइवर को झपकी आई तो सिस्टम बजा देगा अलार्म! ट्रकों में लगेगा अनिवार्य सेफ्टी अलर्ट फीचर
Advanced Safety Features

सड़क हादसे भारत में लगातार एक गंभीर चिंता का विषय बने हुए हैं। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय अब इस दिशा में एक बड़ा कदम उठाने की तैयारी कर रहा है। इसके तहत सरकार एक मसौदा अधिसूचना लेकर आई है, जिसके अनुसार अप्रैल 2026 से 8 या उससे अधिक लोगों को ढोने वाले सभी पैसेंजर वाहनों में एडवांस सेफ्टी फीचर्स को अनिवार्य किया जाएगा। इसका मुख्य उद्देश्य सड़क हादसों को रोकना और आपात परिस्थितियों में ड्राइवर की सहायता करना है।

Advanced Safety Features के साथ तैयार होंगे सभी बड़े वाहन

सरकार द्वारा प्रस्तावित इस अधिसूचना के अनुसार, अक्टूबर 2026 से निर्मित सभी मिनी और रेगुलर बसों के साथ-साथ ट्रकों में Advanced Driving Assistance System-ADAS को लागू करना जरूरी होगा। इस सिस्टम के अंतर्गत Emergency Braking System-AEBS, Driver Drowsiness and Attention Warning System-DDAWS, Lane Departure Warning System-LDWS और Blind Spot Monitoring System-BSMS जैसे कई अत्याधुनिक तकनीकी फीचर्स शामिल किए जाएंगे।

ये फीचर्स एक दूसरे के पूरक की तरह काम करते हैं और मिलकर वाहन और उसमें सवार लोगों को किसी भी संभावित हादसे से बचाने में मदद करते हैं। सड़क हादसों में लगातार बढ़ रही मृत्यु दर को देखते हुए, यह कदम न केवल जरूरी बल्कि बेहद समयानुकूल भी माना जा रहा है।

Emergency Braking System-AEBS: टक्कर से पहले खुद लगेंगे ब्रेक

AEBS यानी इमरजेंसी ब्रेकिंग सिस्टम एक ऐसा ऑटोमैटिक ब्रेकिंग फीचर है जो सामने किसी वाहन या बाधा का पता लगाकर, यदि ड्राइवर समय पर प्रतिक्रिया नहीं देता, तो खुद ही ब्रेक अप्लाई करता है। इससे टक्कर की तीव्रता कम होती है और दुर्घटना से बचा जा सकता है। खासकर भारी वाहनों के लिए यह तकनीक बेहद अहम मानी जा रही है।

नींद में ड्राइविंग नहीं चलेगी

DDAWS सिस्टम ड्राइवर की आंखों और सिर की गतिविधियों पर नज़र रखता है। अगर सिस्टम को लगता है कि ड्राइवर थका हुआ है या उसे नींद आ रही है, तो यह अलार्म, लाइट या वाइब्रेशन के जरिए चेतावनी देता है। यह तकनीक लंबी दूरी की बसों और ट्रकों के लिए बेहद उपयोगी है, जहां ड्राइवर को घंटों तक ड्राइव करना होता है।

सही लेन में ही रखेगा गाड़ी

LDWS वाहन के कैमरे और सेंसर का इस्तेमाल कर यह पता लगाता है कि गाड़ी अपनी लेन से बाहर जा रही है या नहीं। यदि ड्राइवर बिना इंडिकेटर दिए अपनी लेन छोड़ने लगता है तो यह सिस्टम तुरंत चेतावनी देता है। इससे हाईवे पर ओवरटेकिंग या लेन बदलते समय होने वाले हादसों से बचा जा सकता है।

पीछे से आने वाले वाहनों का अलर्ट

BSMS एक आधुनिक सेफ्टी फीचर है जो वाहन के पीछे और किनारे के हिस्सों में मौजूद “ब्लाइंड स्पॉट्स” में आने वाले वाहनों या वस्तुओं का पता लगाता है। यह तकनीक रडार और अल्ट्रासोनिक सेंसर की मदद से ड्राइवर को समय रहते अलर्ट करती है जिससे लेन बदलते वक्त होने वाले हादसों को टाला जा सकता है।

सुरक्षा से कोई समझौता नहीं

सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने इस साल जनवरी में साफ किया था कि मंत्रालय जल्द ही एक मसौदा अधिसूचना लाकर इन सेफ्टी फीचर्स को अनिवार्य बनाएगा। उन्होंने 2023 के सड़क हादसों के आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया कि 1,72,000 मौतों में से 33,000 मौतें ट्रकों द्वारा की गई टक्करों के कारण हुईं। इससे यह स्पष्ट हो जाता है कि सरकार इन हादसों को रोकने के लिए गंभीर है।

Leave a Comment