
हिंदू धर्म में Vastu Tips का बहुत महत्व है, खासकर जब बात घर के मंदिर और उसमें स्थापित मूर्तियों की हो। माना जाता है कि 33 करोड़ देवी-देवताओं की पूजा हिंदू धर्म में की जाती है। हालांकि सभी देवताओं की मूर्तियों को घर में रखना शुभ नहीं माना गया है। शास्त्रों और वास्तु शास्त्र के अनुसार कुछ विशेष देवी-देवताओं की मूर्तियां घर में रखने से नकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, जिससे व्यक्ति के जीवन में आर्थिक, मानसिक और शारीरिक परेशानियां आने लगती हैं।
इस लेख में हम आपको ऐसे तीन प्रमुख देवी-देवताओं के बारे में जानकारी देंगे जिनकी पूजा करना तो लाभकारी है, लेकिन उनकी मूर्तियों को घर में रखना वर्जित माना गया है। जानिए कौन हैं ये देवता और उनके बारे में शास्त्रों की क्या मान्यता है।
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Vastu Tips न केवल भवन निर्माण के लिए जरूरी हैं बल्कि जीवन को शांतिपूर्ण और सुखद बनाने के लिए भी उपयोगी हैं। धार्मिक विश्वासों और शास्त्रों के अनुसार कुछ विशेष देवी-देवताओं की मूर्तियों को घर में न रखने की सलाह दी गई है। इससे व्यक्ति अनचाही समस्याओं से बच सकता है और अपने घर को सकारात्मक ऊर्जा से भर सकता है। अतः, इन नियमों का पालन कर आप अपने जीवन को बेहतर बना सकते हैं।
भैरव बाबा की मूर्ति क्यों नहीं रखनी चाहिए घर में
भैरवनाथ को भगवान शिव का रौद्र अवतार माना जाता है। उनकी पूजा ऊपरी बाधाओं से बचाव, शत्रुओं पर विजय और तंत्र-मंत्र के प्रभाव से मुक्ति पाने के लिए की जाती है। लेकिन Vastu Tips और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भैरव बाबा की मूर्ति को घर में रखना और उसकी पूजा करना वर्जित है।
ज्योतिषाचार्यों और वास्तु विशेषज्ञों का कहना है कि भैरवनाथ की पूजा केवल मंदिरों में ही की जानी चाहिए। घर में उनकी मूर्ति स्थापित करने से वास्तु दोष उत्पन्न हो सकता है और घर में अशांति, बीमारियां तथा आर्थिक समस्याएं शुरू हो सकती हैं। विशेष रूप से अगर पूजा विधि में कोई त्रुटि हो जाए तो उसके गंभीर दुष्परिणाम झेलने पड़ सकते हैं।
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शनिदेव की मूर्ति क्यों नहीं होनी चाहिए घर के मंदिर में
भारत में शनिदेव की पूजा विशेष रूप से शनिवार के दिन की जाती है। लोग शनि मंदिर जाकर तेल चढ़ाते हैं और अपने कष्टों से मुक्ति की कामना करते हैं। लेकिन शास्त्रों के अनुसार शनिदेव की मूर्ति को घर में रखना शुभ नहीं माना गया है।
Vastu Tips के अनुसार शनिदेव न्याय के देवता हैं और अत्यंत कठोर स्वभाव के माने जाते हैं। यदि घर में उनकी मूर्ति रखी जाती है और पूजा में कोई गलती हो जाए तो शनिदेव नाराज हो सकते हैं, जिससे जीवन में कष्ट, दरिद्रता और बीमारी जैसे दुष्परिणाम देखने को मिल सकते हैं। इसलिए शनिदेव की पूजा केवल मंदिर में जाकर करना ही उचित है।
राहु और केतु की मूर्तियां घर में रखने से क्या नुकसान हो सकता है
राहु और केतु को ज्योतिष शास्त्र में छाया ग्रह माना गया है। इनकी पूजा विशेष अनुष्ठानों या ग्रह दोष शांति के लिए की जाती है। लेकिन घर के मंदिर में इनकी मूर्तियों को रखने की सख्त मनाही है।
शास्त्रों के अनुसार यदि राहु और केतु की मूर्तियां घर में रखी जाती हैं तो इससे नकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है और परिवार के सदस्यों को मानसिक तनाव, भ्रम की स्थिति और दुर्घटनाओं जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही घर का वातावरण भी प्रभावित हो सकता है।
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घर में मंदिर बनाते समय किन बातों का रखें ध्यान
घर में मंदिर बनाते समय Vastu Tips के अनुसार कुछ विशेष नियमों का पालन करना जरूरी होता है। मंदिर हमेशा उत्तर-पूर्व दिशा में होना चाहिए। वहां स्वच्छता बनाए रखना आवश्यक है और मंदिर में सिर्फ उन्हीं देवी-देवताओं की मूर्तियां रखनी चाहिए जिनकी घर में पूजा करना शास्त्रों में अनुमत है।
कभी भी मंदिर में टूटी-फूटी या खंडित मूर्ति न रखें। साथ ही, मंदिर को रोज साफ करना और वहां नियमित रूप से पूजा करना अनिवार्य होता है। मंदिर में रखी मूर्तियों की संख्या भी सीमित होनी चाहिए, अधिक मूर्तियां रखने से मन का ध्यान विचलित होता है।
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गलती से रखी गई मूर्तियों का क्या करें
अगर किसी के घर में पहले से भैरव बाबा, शनिदेव या राहु-केतु की मूर्तियां रखी हुई हैं तो उन्हें बिना अपमान किए किसी मंदिर में जाकर पुजारी को सौंप देना चाहिए। इन्हें जल में प्रवाहित करने या कूड़े में फेंकना धार्मिक रूप से गलत माना जाता है। मूर्तियों को सम्मानपूर्वक विदाई देना ही शास्त्रसम्मत उपाय है।