
केंद्र सरकार ने यूनिफाइड पेंशन स्कीम-UPS की घोषणा कर सरकारी कर्मचारियों के भविष्य को सुरक्षित करने की दिशा में एक अहम कदम उठाया है। यह योजना 1 अप्रैल 2025 से लागू की जाएगी और यह विशेष रूप से उन केंद्रीय कर्मचारियों के लिए है, जो वर्तमान में नेशनल पेंशन स्कीम-NPS के अंतर्गत पंजीकृत हैं। UPS का उद्देश्य रिटायरमेंट के बाद एक सुनिश्चित आय प्रदान करना है, जिससे कर्मचारियों को वृद्धावस्था में वित्तीय सुरक्षा मिल सके।
क्या है यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS)?
यूनिफाइड पेंशन स्कीम एक ऐसी पहल है जिसके तहत रिटायरमेंट के बाद केंद्रीय कर्मचारियों को एक निश्चित मासिक पेंशन प्रदान की जाएगी। यह पेंशन, कर्मचारी के रिटायरमेंट से पहले के अंतिम 12 महीनों की औसत बेसिक सैलरी का 50% होगी। इस पेंशन के लिए पात्रता हासिल करने के लिए कर्मचारी को कम से कम 25 साल की सेवा पूरी करनी होगी।
इस योजना की एक बड़ी खासियत यह भी है कि यदि कर्मचारी की मृत्यु हो जाती है तो उसके परिवार को कर्मचारी की निर्धारित पेंशन का 60% हिस्सा पारिवारिक पेंशन के रूप में मिलता रहेगा। इतना ही नहीं, UPS में मिनिमम एश्योर्ड पेंशन का भी प्रावधान रखा गया है, जिसके तहत यदि कोई कर्मचारी कम से कम 10 वर्षों की सेवा पूरी करता है तो उसे न्यूनतम ₹10,000 प्रति माह की पेंशन सुनिश्चित की गई है।
सरकारी योगदान कितना होगा UPS में?
वर्तमान में NPS में कर्मचारी की बेसिक सैलरी का 10% योगदान होता है जबकि सरकार की ओर से 14% तक का योगदान किया जाता है। लेकिन UPS में सरकार ने अपने हिस्से के अंशदान को बढ़ाकर 18.5% कर दिया है, जिससे कर्मचारियों को अधिक लाभ मिलने की संभावना है। यह बड़ा बदलाव करीब 23 लाख केंद्रीय कर्मचारियों को सीधे लाभ पहुंचाएगा। हालांकि, इससे पहले वर्ष में सरकार के खजाने पर ₹6,250 करोड़ का अतिरिक्त भार आएगा।
महंगाई से जुड़ी पेंशन में वृद्धि
UPS को महंगाई के प्रभाव से बचाने के लिए इसमें इंडेक्सेशन की व्यवस्था की गई है। इसका मतलब यह हुआ कि कर्मचारियों की पेंशन समय के साथ बढ़ती रहेगी। यह बढ़ोतरी महंगाई राहत-Dearness Allowance के रूप में पेंशन में जोड़ी जाएगी। इसके लिए ऑल इंडिया कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स फॉर इंडस्ट्रियल वर्कर्स (AICPI-W) को आधार बनाया जाएगा। साथ ही, रिटायरमेंट पर एकमुश्त राशि का भुगतान भी सुनिश्चित किया गया है।
कौन उठा सकता है UPS का लाभ?
यह योजना सिर्फ उन्हीं केंद्रीय कर्मचारियों पर लागू होगी जो वर्तमान में NPS के तहत कवर हैं। UPS पूरी तरह वैकल्पिक है – यानी कर्मचारी चाहें तो NPS में ही बने रहें या UPS का विकल्प चुन सकते हैं। हालांकि, जो कर्मचारी UPS चुनते हैं, वे किसी अन्य पॉलिसी में बदलाव या किसी अतिरिक्त वित्तीय लाभ के पात्र नहीं होंगे।