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GDP में सबसे आगे निकला ये राज्य! कर्नाटक और गुजरात को भी छोड़ा पीछे

महाराष्ट्र 2023-24 में भारत के GDP में 13.3% हिस्सेदारी के साथ सबसे अमीर राज्य बना रहा, लेकिन प्रति व्यक्ति आय में सिक्किम, गोवा और दिल्ली जैसे राज्य आगे निकल गए हैं। गुजरात ने 8.1% हिस्सेदारी के साथ बड़ी छलांग लगाई है। वहीं, नई कंपनियों के रजिस्ट्रेशन में भी महाराष्ट्र सबसे ऊपर रहा, जबकि यूपी ने दिल्ली को पीछे छोड़ दिया। भारत का आर्थिक नक्शा अब और प्रतिस्पर्धी बनता जा रहा है।

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GDP में सबसे आगे निकला ये राज्य! कर्नाटक और गुजरात को भी छोड़ा पीछे
India Richest State

जब भी भारत की आर्थिक ताकत की बात होती है, तो India GDP में सबसे बड़ा योगदान देने वाले राज्यों की चर्चा होना लाजिमी है। वर्ष 2023-24 के ताजे आंकड़ों के अनुसार, महाराष्ट्र अब भी देश का सबसे अमीर और सबसे बड़ा आर्थिक पावरहाउस बना हुआ है। प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (EAC-PM) द्वारा जारी वर्किंग पेपर में बताया गया है कि इस दौरान राष्ट्रीय GDP में महाराष्ट्र की हिस्सेदारी 13.3% रही, जो कि 2020-21 में 13% थी। हालांकि, 2010-11 के मुकाबले, जब यह आंकड़ा 15.2% था, इसमें कमी जरूर दर्ज की गई है, पर फिर भी महाराष्ट्र शीर्ष पर बना हुआ है।

गुजरात की तेज़ आर्थिक तरक्की बनी चर्चा का विषय

जहां महाराष्ट्र GDP में शीर्ष पर बना हुआ है, वहीं गुजरात ने बीते वर्षों में उल्लेखनीय आर्थिक प्रगति की है। 2010-11 में भारत की GDP में गुजरात का योगदान 7.5% था, जो 2022-23 में बढ़कर 8.1% हो गया है। यह वृद्धि इस बात का संकेत देती है कि गुजरात अब राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में बड़ी भूमिका निभाने की ओर बढ़ रहा है।

लेकिन जब बात आती है प्रति व्यक्ति आय की, तो यहां महाराष्ट्र पीछे छूटता नजर आता है। तेलंगाना, कर्नाटक, हरियाणा और गुजरात जैसे राज्य व्यक्तिगत समृद्धि के स्तर पर कहीं आगे निकल चुके हैं।

प्रति व्यक्ति आय में ये राज्य रहे सबसे आगे

साल 2023-24 के आंकड़ों के अनुसार, निम्नलिखित राज्य प्रति व्यक्ति आय के मामले में शीर्ष पर रहे:

  • सिक्किम: 319.1%
  • गोवा: 290.7% (2022-23)
  • दिल्ली: 250.8%
  • तेलंगाना: 193.6%
  • कर्नाटक: 180.7%
  • हरियाणा: 176.8%
  • तमिलनाडु: 171.1%

इन आंकड़ों से यह स्पष्ट है कि भले ही महाराष्ट्र GDP में सबसे बड़ा योगदान दे रहा हो, लेकिन उसके नागरिकों की औसत आय कई अन्य राज्यों की तुलना में कम है। इसका अर्थ यह है कि राज्य की समृद्धि का लाभ सभी नागरिकों तक समान रूप से नहीं पहुंच पा रहा है।

नई कंपनियों की रजिस्ट्रेशन में भी महाराष्ट्र आगे

एक और महत्वपूर्ण पहलू जो महाराष्ट्र की आर्थिक मजबूती को दर्शाता है, वह है नई कंपनियों का रजिस्ट्रेशन। वित्त वर्ष 2024-25 के पहले 10 महीनों (अप्रैल 2024 से जनवरी 2025) में महाराष्ट्र में 21,000 नई कंपनियों का रजिस्ट्रेशन हुआ। इसके बाद उत्तर प्रदेश 15,590 कंपनियों के साथ दूसरे स्थान पर रहा, जिसने दिल्ली को भी पीछे छोड़ दिया (जहां 12,759 कंपनियां रजिस्टर्ड हुईं)। यह ट्रेंड बताता है कि महाराष्ट्र व्यापार और उद्योग के लिहाज से भी अग्रणी बना हुआ है।

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