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रजिस्ट्री में की ये गलती तो डूब सकता है पैसा! गवाह बनाते वक्त बिल्कुल न करें ये चूक

घर खरीदने की सोच रहे हैं? रजिस्ट्री के वक्त 18 साल से कम उम्र, मानसिक रूप से अस्वस्थ या खुद विक्रेता-खरीदार को गवाह बनाया, तो आपकी लाखों की डील हो सकती है गैरकानूनी! जानिए पूरी डिटेल।

By info@crcranchi.in
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रजिस्ट्री में की ये गलती तो डूब सकता है पैसा! गवाह बनाते वक्त बिल्कुल न करें ये चूक
रजिस्ट्री में की ये गलती तो डूब सकता है पैसा! गवाह बनाते वक्त बिल्कुल न करें ये चूक

घर या प्रॉपर्टी खरीदना हर किसी का सपना होता है। आज भी भारत में Property Rules को लेकर जागरूकता की कमी देखी जाती है। लोग जीवन भर की कमाई लगाकर जब एक प्रॉपर्टी खरीदते हैं, तो कई बार कुछ जरूरी नियमों को नजरअंदाज कर बैठते हैं। खासकर जब बात रजिस्ट्री के समय जरूरी कागजों और गवाहों की आती है, तो लोग अक्सर गलती कर देते हैं। इसका नतीजा उन्हें कानूनी दिक्कतों और फाइनेंशियल नुकसान के रूप में भुगतना पड़ सकता है।

Property Registration के समय छोटी गलतियां पड़ सकती हैं भारी

प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन एक कानूनी प्रक्रिया है जिसमें कई नियम और प्रावधान शामिल होते हैं। कई बार लोग इस प्रक्रिया को केवल एक औपचारिकता मानकर नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन सच्चाई यह है कि रजिस्ट्री के दौरान की गई एक छोटी सी गलती भविष्य में बहुत बड़ा सिरदर्द बन सकती है। सरकार ने Property Registration Rules को लेकर स्पष्ट दिशानिर्देश जारी किए हैं और इनका पालन न करना आपको कोर्ट-कचहरी तक पहुंचा सकता है।

Registry के लिए जरूरी होते हैं दो गवाह

जब भी आप कोई घर या जमीन खरीदते हैं और उसकी रजिस्ट्री कराते हैं, तो इस प्रक्रिया में दो गवाहों की आवश्यकता होती है। ये गवाह रजिस्ट्री डीड पर हस्ताक्षर करते हैं और यह प्रमाणित करते हैं कि उन्होंने दोनों पक्षों को अपनी मर्जी से रजिस्ट्री करते हुए देखा है। यह एक जरूरी कानूनी प्रक्रिया है और बिना गवाहों के रजिस्ट्री मान्य नहीं मानी जाती।

सरकार ने गवाहों से जुड़े भी कुछ नियम तय किए हैं, जिन्हें जानना बेहद जरूरी है। ये नियम न केवल गवाहों की उम्र और मानसिक स्थिति से जुड़े हैं, बल्कि इस बात पर भी ध्यान देते हैं कि कौन व्यक्ति गवाह हो सकता है और कौन नहीं।

18 साल से कम उम्र के व्यक्ति नहीं बन सकते गवाह

रजिस्ट्री प्रक्रिया में यह स्पष्ट रूप से कहा गया है कि कोई भी व्यक्ति जिसकी उम्र 18 साल से कम है, वह गवाह नहीं बन सकता। यह नियम इसलिए बनाया गया है क्योंकि भारतीय कानून के अनुसार 18 साल से कम उम्र का व्यक्ति बालिग नहीं माना जाता और उसे किसी कानूनी प्रक्रिया में शामिल करने की अनुमति नहीं है।

अगर किसी रजिस्ट्री दस्तावेज़ पर 18 साल से कम उम्र के व्यक्ति का गवाह के रूप में हस्ताक्षर किया गया हो, तो वह दस्तावेज़ कानूनी रूप से विवादास्पद हो सकता है और भविष्य में उस प्रॉपर्टी को लेकर विवाद खड़े हो सकते हैं।

खरीदार और विक्रेता खुद नहीं बन सकते गवाह

एक और जरूरी नियम यह है कि जो व्यक्ति प्रॉपर्टी बेच रहा है और जो खरीद रहा है, वे दोनों ही गवाह नहीं बन सकते। यानी यदि आप किसी से घर खरीद रहे हैं, तो आप और वह व्यक्ति खुद को गवाह के रूप में पेश नहीं कर सकते। गवाह कोई तीसरा स्वतंत्र व्यक्ति होना चाहिए जो रजिस्ट्री प्रक्रिया का हिस्सा नहीं है।

इस नियम का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि रजिस्ट्री निष्पक्ष हो और उसमें किसी प्रकार की जबरदस्ती या धोखाधड़ी की संभावना न हो। गवाह की भूमिका इसलिए अहम मानी जाती है क्योंकि वह अदालत में इस बात की पुष्टि कर सकता है कि सौदा दोनों पक्षों की रजामंदी से हुआ था।

मानसिक रूप से अस्वस्थ व्यक्ति नहीं हो सकता गवाह

सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि यदि कोई व्यक्ति मानसिक रूप से अस्वस्थ है या उसकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं है, तो उसे भी रजिस्ट्री के समय गवाह नहीं बनाया जा सकता। मानसिक रूप से अस्वस्थ व्यक्ति की कानूनी योग्यता पर सवाल उठ सकता है और यदि ऐसे व्यक्ति को गवाह बना दिया जाए, तो भविष्य में उस दस्तावेज़ की वैधता को चुनौती दी जा सकती है।

रजिस्ट्री एक गंभीर और कानूनी दस्तावेज है और उसमें शामिल हर व्यक्ति की जिम्मेदारी तय होती है। इसलिए यह जरूरी है कि गवाह मानसिक और शारीरिक रूप से सक्षम हो ताकि वह किसी भी कानूनी प्रक्रिया में अपनी गवाही दे सके।

Property Rules का पालन जरूरी, वरना हो सकती है परेशानी

Property Rules को लेकर अक्सर लोग लापरवाही बरतते हैं और सोचते हैं कि सब कुछ वकील या एजेंट देख लेगा। लेकिन यह जरूरी है कि खरीदार और विक्रेता दोनों ही इस प्रक्रिया को अच्छे से समझें और नियमों का पालन करें। इससे न केवल भविष्य की परेशानियों से बचा जा सकता है बल्कि आपकी प्रॉपर्टी को कानूनी सुरक्षा भी मिलती है।

आजकल रियल एस्टेट में धोखाधड़ी के मामले बढ़ रहे हैं और ऐसे में जरूरी है कि आप रजिस्ट्री से जुड़े हर पहलू को समझें। गवाहों का चुनाव सोच-समझकर करें और सभी जरूरी दस्तावेजों को समय पर जमा कराएं।

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info@crcranchi.in

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