
डोर टू डोर पेट्रोल-डीजल की बिक्री का बिजनेस आज के समय में ऑनलाइन सर्विस सेक्टर का सबसे इनोवेटिव और प्रॉफिटेबल आइडिया बनता जा रहा है। साल 2016 से पहले तक ऑनलाइन माध्यम से पेट्रोल-डीजल की बिक्री की अनुमति नहीं थी, लेकिन सरकार ने उस प्रतिबंध को हटा दिया और इसके बाद से इस क्षेत्र में एक नया मार्केट उभर कर सामने आया है। डिजिटल युग में लोग हर सेवा अपने दरवाज़े पर चाहते हैं, चाहे वह खाना हो, पूजा का सामान, या अब ईंधन की डिलिवरी। गाड़ियों की बढ़ती संख्या और फ्यूल की जरूरतों को देखते हुए यह बिजनेस न सिर्फ मुनाफे का सौदा है, बल्कि भविष्य में इसका स्कोप और भी बड़ा हो सकता है।
बिजनेस शुरू करने की लागत और फाइनेंसिंग ऑप्शन
इस बिजनेस की शुरुआत के लिए आपको लगभग ₹12 से ₹15 लाख की शुरुआती लागत की आवश्यकता होगी। अच्छी बात ये है कि सरकार इस बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए मुद्रा लोन जैसी स्कीम्स के तहत 10 लाख रुपये तक का लोन उपलब्ध करवा रही है। इसके अलावा बैंक से स्टार्टअप लोन भी लिया जा सकता है। इन फंड्स का उपयोग आप वाहन खरीदने, स्टोरेज यूनिट तैयार करने, ऐप/वेबसाइट डेवेलपमेंट और लाइसेंसिंग पर कर सकते हैं।
बिजनेस शुरू करने की प्रक्रिया और परमिशन का तरीका
इस बिजनेस को शुरू करने के लिए सबसे पहले आपको ऑयल मार्केटिंग कंपनियों जैसे इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम या हिंदुस्तान पेट्रोलियम के पास अपनी प्रोडक्ट डिटेल्स और बिजनेस मॉडल जमा करने होंगे। यदि आपकी योजना प्रभावशाली लगती है, तो आपको अनुमति दी जाएगी। एक बार अप्रूवल मिलने के बाद, आपको एक मोबाइल ऐप या वेबसाइट बनानी होगी ताकि ग्राहक वहां से फ्यूल की डिलिवरी का ऑर्डर कर सकें।
कितनी लिमिट में बेच सकते हैं फ्यूल?
नेशनल गवर्नमेंट सर्विस पोर्टल के अनुसार, इस बिजनेस में एक इंडिविजुअल के लिए पेट्रोल की अधिकतम बिक्री सीमा 300 लीटर तय की गई है, जबकि डीजल की सीमा 25,000 लीटर तक है। इस सीमा के भीतर रहकर आप लोकल ट्रांसपोर्टेशन, स्कूल बसें, कंस्ट्रक्शन कंपनियों, और इंडस्ट्रियल क्लाइंट्स को सर्विस दे सकते हैं।
कमाई का गणित
इस बिजनेस में आपकी कमाई पूरी तरह से ऑर्डर्स पर निर्भर करती है। यदि आप एक महीने में 10 से 20 ऑर्डर प्रोसेस कर लेते हैं, तो लगभग ₹5 से ₹6 लाख तक की इनकम संभव है। इसके अलावा, बड़े क्लाइंट्स से रेगुलर कॉन्ट्रैक्ट मिलने पर आपकी कमाई स्थायी और स्थिर हो सकती है।