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PAN-Aadhaar लिंक नहीं कराया? जानिए कैसे देरी से ₹2,125 करोड़ का पड़ा जुर्माना – कहीं आप भी तो नहीं लापरवाह!

पैन-आधार लिंकिंग अब अनिवार्य हो गई है और इसे न करने पर ₹1,000 का जुर्माना भरना पड़ता है। यह प्रक्रिया वित्तीय पारदर्शिता और धोखाधड़ी को रोकने में मदद करती है। पैन कार्ड के इनऑपरेटिव होने से टैक्स रिफंड और बैंक ट्रांजेक्शन पर असर पड़ सकता है। लिंकिंग की डेडलाइन 30 जून 2023 थी, जिसके बाद जुर्माना भरकर इसे पूरा किया जा सकता है।

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PAN-Aadhaar लिंक नहीं कराया? जानिए कैसे देरी से ₹2,125 करोड़ का पड़ा जुर्माना – कहीं आप भी तो नहीं लापरवाह!
PAN-Aadhaar

पैन-आधार (PAN-Aadhaar) लिंकिंग अब हर भारतीय नागरिक के लिए अनिवार्य हो चुकी है। केंद्र सरकार ने इस प्रक्रिया के लिए 30 जून 2023 की अंतिम तिथि निर्धारित की थी। इसके बाद, जिन लोगों ने अपने पैन और आधार को लिंक नहीं कराया, उन्हें ₹1,000 का जुर्माना भरकर इसे पूरा करना पड़ा। इस जुर्माने ने न केवल आम लोगों के लिए एक अतिरिक्त वित्तीय बोझ डाला, बल्कि सरकार के खजाने में भी हजारों करोड़ रुपये की बढ़ोतरी की है।

सरकार के अनुसार, 1 जुलाई 2023 से लेकर अब तक ₹2,125 करोड़ का जुर्माना वसूला जा चुका है। इस दौरान लगभग 2.12 करोड़ लोगों ने जुर्माना भरकर पैन-आधार लिंकिंग की प्रक्रिया को पूरा किया। हालांकि, सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि जिनके पैन-आधार लिंक नहीं हुए हैं, उनके पैन कार्ड को बंद नहीं किया गया है, बल्कि इन्हें इनऑपरेटिव कर दिया गया है।

पैन-आधार लिंक न करने के परिणाम

अगर आपका पैन और आधार लिंक नहीं है, तो यह केवल इनऑपरेटिव हो जाएगा। इसका मतलब है कि आप इसे वित्तीय लेन-देन, टैक्स फाइलिंग, और सरकारी योजनाओं के लाभ के लिए इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे। उदाहरण के लिए, इनऑपरेटिव पैन कार्ड के साथ टैक्स रिफंड जारी नहीं होगा, और ब्याज का भुगतान भी नहीं किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, बड़े बैंक ट्रांजेक्शनों और टैक्स फाइलिंग में भी समस्या उत्पन्न हो सकती है।

देश में पैन-आधार लिंकिंग की स्थिति

भारत में कुल 70 करोड़ पैन कार्ड धारक हैं, जिनमें से लगभग 60 करोड़ पैन कार्ड आधार से लिंक हो चुके हैं। संसद में दी गई जानकारी के अनुसार, 54.67 करोड़ पैन कार्ड को समय सीमा के भीतर लिंक कर लिया गया है, जबकि बाकी 2.12 करोड़ लोगों ने जुर्माना भरकर इसे लिंक किया।

क्या होता है इनऑपरेटिव पैन?

इनऑपरेटिव पैन का मतलब है कि यह टैक्स रिटर्न, बैंकिंग लेन-देन, और अन्य आर्थिक गतिविधियों के लिए मान्य नहीं रहेगा। हालांकि, इसे कभी भी आधार से लिंक करके पुनः सक्रिय किया जा सकता है। सरकार ने स्पष्ट किया है कि इनऑपरेटिव पैन कार्ड को डिएक्टिवेट नहीं किया गया है, बल्कि यह अस्थायी रूप से कार्यरत नहीं रहेगा जब तक इसे आधार से लिंक नहीं किया जाता।

पैन-आधार लिंकिंग की प्रक्रिया और जुर्माना

पैन-आधार लिंकिंग टैक्स व्यवस्था को सरल और पारदर्शी बनाता है। साथ ही यह वित्तीय धोखाधड़ी को रोकने का एक प्रभावी उपाय है। पहले सरकार ने जुर्माने के तौर पर ₹500 का शुल्क तय किया था, लेकिन अब इसे बढ़ाकर ₹1,000 कर दिया गया है। जुर्माना भरने के बाद लोग आसानी से इनकम टैक्स पोर्टल के माध्यम से पैन और आधार लिंक कर सकते हैं।

क्या होगा अगर पैन-आधार लिंक नहीं कराया गया?

पैन और आधार को लिंक न करने पर आपको कई वित्तीय और कानूनी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। सरकार टैक्स डिपॉजिट में रुकावट डाल सकती है, टैक्स रिफंड जारी नहीं होगा, और ब्याज भुगतान भी रुक सकता है। इसके अलावा, बड़े बैंक ट्रांजेक्शनों पर भी प्रतिबंध लगाया जा सकता है।

क्या कहा सरकार ने?

वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने संसद में स्पष्ट किया कि पैन-आधार लिंकिंग के बिना पैन को केवल इनऑपरेटिव किया जाएगा, न कि डिएक्टिवेट। उन्होंने यह भी कहा कि समय सीमा के बाद जुर्माने के साथ लिंकिंग की अनुमति है। इस तरह, सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि यह प्रक्रिया सभी के लिए सुलभ हो।

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