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अब पेट्रोल-डीजल की जरूरत नहीं! गन्ने के रस से दौड़ेगी कार

भारत में जल्द शुरू होगा 100% एथनॉल पर चलने वाली फ्लेक्स इंजन कारों और बाइकों का निर्माण. इससे पेट्रोल-डीजल की जरूरत होगी खत्म और किसानों की आमदनी में आएगा बड़ा उछाल. जानिए पूरी योजना और इसमें कैसे बदल जाएगी एग्री इकनॉमी.

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Flex Engine Car, Ethanol Fuel, Green Mobility: भारत अब गन्ने के रस, शीरे और मक्‍के से बने एथनॉल (Ethanol) पर चलने वाली कारों और बाइकों की दिशा में तेज़ी से कदम बढ़ा रहा है. केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही में घोषणा की कि देश में जल्द ही 100% एथनॉल पर चलने वाले वाहनों का निर्माण शुरू हो जाएगा. इससे न केवल पेट्रोल-डीजल से छुटकारा मिलेगा, बल्कि यह कदम किसानों की आय बढ़ाने और प्रदूषण घटाने में भी मदद करेगा.

अब पेट्रोल-डीजल की जरूरत नहीं! गन्ने के रस से दौड़ेगी कार
अब पेट्रोल-डीजल की जरूरत नहीं! गन्ने के रस से दौड़ेगी कार

भारत में फ्लेक्स इंजन तकनीक के साथ 100% एथनॉल आधारित वाहनों का निर्माण देश की ऊर्जा निर्भरता को कम करने, पर्यावरण को सुरक्षित रखने और किसानों की आय बढ़ाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है. इस बदलाव से न केवल ईंधन की लागत घटेगी, बल्कि ग्रामीण भारत को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने का रास्ता भी खुलेगा. आने वाले समय में भारत की सड़कों पर चलती ‘गन्ने के रस’ की कारें न केवल एक टेक्नोलॉजी चमत्कार होंगी, बल्कि आत्मनिर्भर भारत की पहचान भी बनेंगी.

फ्लेक्स इंजन तकनीक से आएगा ईंधन में क्रांतिकारी बदलाव

गडकरी ने जानकारी दी कि देश में अब फ्लेक्स इंजन (Flex Engine) तकनीक को बढ़ावा दिया जा रहा है. इन इंजनों में पेट्रोल या एथनॉल, किसी भी ईंधन का इस्तेमाल किया जा सकता है. लेकिन भारत में अब 100% एथनॉल से चलने वाली गाड़ियां बनाने पर फोकस है. टाटा, सुजुकी, बजाज और टीवीएस जैसी कंपनियों ने इस दिशा में काम शुरू कर दिया है. गडकरी ने बताया कि टाटा और सुजुकी ने फ्लेक्स इंजन कारों और दोपहिया वाहनों का निर्माण शुरू कर दिया है.

टोयोटा का बड़ा निवेश, महाराष्ट्र में लगेगा प्लांट

जापान की प्रमुख ऑटो कंपनी टोयोटा ने महाराष्ट्र में फ्लेक्स इंजन वाहन निर्माण के लिए ₹20,000 करोड़ का निवेश करने की घोषणा की है. इस निवेश से भारत में ग्रीन मोबिलिटी को बढ़ावा मिलेगा और नए रोजगार भी सृजित होंगे. टोयोटा की ओर से तैयार की गई फ्लेक्स इंजन कार पहले ही 100% एथनॉल से सफलतापूर्वक चल रही है, जिससे प्रदूषण शून्य स्तर पर रहता है.

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किसानों के लिए बड़ा अवसर: लगेंगे एथनॉल पंप

नितिन गडकरी ने यह भी बताया कि भविष्य में जैसे आज पेट्रोल पंप हैं, वैसे ही जगह-जगह एथनॉल पंप लगाए जाएंगे. इससे किसानों को अतिरिक्त आय का स्रोत मिलेगा. अभी भारत हर साल लगभग ₹16 लाख करोड़ का पेट्रोल-डीजल आयात करता है. फ्लेक्स इंजन तकनीक से यह खर्च बचेगा और वह पैसा देश की अर्थव्यवस्था और ग्रामीण विकास में लग सकेगा.

एग्री इकनॉमी को मिलेगा नया जीवन

गडकरी ने कहा कि जब देशभर में एथनॉल से चलने वाले वाहन सड़कों पर दौड़ेंगे, तब इसकी सबसे बड़ी लाभार्थी भारत की कृषि व्यवस्था होगी. गन्ना और मक्का जैसे फसलों की मांग बढ़ेगी और किसानों को सीधा नकद लाभ मिलेगा. इससे एग्रीकल्चर सेक्टर में निवेश बढ़ेगा, रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और ग्रामीण भारत आत्मनिर्भर बनेगा. सरकार का लक्ष्य है कि आने वाले वर्षों में भारत ग्रीन फ्यूल के क्षेत्र में वैश्विक नेता बने.

Q1: फ्लेक्स इंजन क्या होता है?
Ans: फ्लेक्स इंजन एक ऐसा इंजन होता है जो पेट्रोल, एथनॉल या इन दोनों के मिश्रण से चल सकता है. भारत में अब 100% एथनॉल से चलने वाले इंजन पर फोकस है.

Q2: क्या एथनॉल से चलने वाली कारें पूरी तरह पेट्रोल मुक्त होंगी?
Ans: हां, आने वाले मॉडल पूरी तरह एथनॉल पर आधारित होंगे और उन्हें पेट्रोल या डीजल की जरूरत नहीं होगी.

Q3: एथनॉल कहां से प्राप्त होगा?
Ans: एथनॉल को गन्ने के रस, शीरे और मक्‍के जैसी फसलों से बनाया जाता है.

Q4: एथनॉल पंप कब और कहां लगेंगे?
Ans: जैसे-जैसे फ्लेक्स इंजन वाले वाहनों की संख्या बढ़ेगी, सरकार जगह-जगह एथनॉल पंप स्थापित करने की योजना बना रही है.

Q5: इससे किसानों को कैसे लाभ होगा?
Ans: गन्ना और मक्का जैसी फसलों की मांग बढ़ने से किसानों को सीधा फायदा होगा और उनकी आय में वृद्धि होगी.

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