
टीवी9 नेटवर्क के WITT सम्मेलन में केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने टोल-टैक्स (Toll Tax) को लेकर एक महत्वपूर्ण घोषणा की। उन्होंने कहा कि देश भर में टोल टैक्स को लेकर जनता की जो नाराजगी है, उसे जल्द ही दूर किया जाएगा। इस बारे में एक बड़ा ऐलान अगले एक हफ्ते में किया जाएगा, जो टोल से संबंधित मौजूदा व्यवस्था में बड़े बदलाव की ओर संकेत करता है।
गडकरी ने कहा कि लोगों की यह शिकायत सही है कि हाईवे (Highway) तो शानदार बने हैं, लेकिन टोल टैक्स अधिक देना पड़ता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि “अगर अच्छी सेवा चाहिए तो भुगतान तो करना ही पड़ेगा।” हालांकि, उन्होंने भरोसा दिलाया कि नई व्यवस्था से लोगों को राहत मिलेगी और मौजूदा असंतोष को दूर किया जाएगा।
टोल व्यवस्था का नया चेहरा और निवेश का नया मॉडल
नितिन गडकरी ने खुलासा किया कि वह खुद को टोल व्यवस्था का जन्मदाता मानते हैं। महाराष्ट्र में मंत्री रहते हुए उन्होंने मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे (Mumbai-Pune Expressway), 55 फ्लाईओवर्स और बांद्रा-वर्ली सीलिंक जैसे बड़े प्रोजेक्ट्स को निजी निवेश से पूरा कराया था। उन्होंने कहा कि जब कर्ज लिया जाता है तो उसे चुकाना भी होता है, और इसके लिए आय का जरिया जरूरी है।
उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने कैपिटल मार्केट (Capital Market) के INVIT मॉडल के जरिए फंडिंग की एक नई रणनीति अपनाई है। इस मॉडल के अंतर्गत सात दिन के भीतर निवेश जुटाया गया और केवल सात घंटे में जबरदस्त रिस्पॉन्स मिला। 8.05% सालाना ब्याज दर और बढ़ते शेयर मूल्य ने निवेशकों का भरोसा बढ़ाया है। निवेशकों को अब हर महीने उनके खाते में ब्याज भी मिलेगा।
ट्रैफिक जाम और इंफ्रास्ट्रक्चर का समाधान
गडकरी ने बढ़ते ट्रैफिक और जाम की समस्या पर भी बात की। उन्होंने कहा कि देश में वाहनों की संख्या (Vehicle Growth) लगातार बढ़ रही है, जिससे जाम की स्थिति उत्पन्न होती है। जब जनता पुल और नए हाईवे की मांग करती है, तो उनके निर्माण के लिए धन की आवश्यकता होती है। टोल टैक्स इसी व्यवस्था का एक हिस्सा है, जिससे ऐसे प्रोजेक्ट्स के लिए फंडिंग संभव हो पाती है।
उन्होंने संसद में यह भी घोषणा की थी कि अगले दो वर्षों में सरकार 25,000 किलोमीटर की सड़क (Road Construction) दो लेन से चार लेन में बदलेगी, जिसके लिए कुल बजट 10 लाख करोड़ रुपये निर्धारित किया गया है। यह प्रोजेक्ट भारत के परिवहन ढांचे को एक नई दिशा देगा।
भारत का इंफ्रास्ट्रक्चर अमेरिका से आगे
गडकरी ने आत्मविश्वास के साथ कहा कि भारत का सड़क इंफ्रास्ट्रक्चर (Road Infrastructure) अब सिर्फ अमेरिका की बराबरी नहीं करेगा, बल्कि आने वाले दो सालों में उससे भी आगे निकल जाएगा। पहले जहां लक्ष्य 2024 तक अमेरिका जैसी गुणवत्ता हासिल करने का था, अब उनका दावा है कि भारत की सड़कें और परिवहन व्यवस्था उससे भी बेहतर होगी।
उनका यह बयान भारत की रिन्यूएबल एनर्जी (Renewable Energy), स्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्चर और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक मजबूत संकेत है। निवेश, तकनीक और पारदर्शिता के साथ सरकार जिस तरीके से इंफ्रास्ट्रक्चर को विकसित कर रही है, वह भविष्य में भारत की वैश्विक प्रतिस्पर्धा में मजबूती लाएगा।