
हिमाचल प्रदेश में बीपीएल (गरीबी रेखा से नीचे) सूची निर्माण की प्रक्रिया में इस बार एक बड़ा और ऐतिहासिक बदलाव किया गया है। पहले जहां पंचायत प्रधानों को BPL सूची तैयार करने का अधिकार प्राप्त था, वहीं अब यह जिम्मेदारी पूरी तरह से एसडीएम (Sub Divisional Magistrate) और बीडीओ (Block Development Officer) को सौंप दी गई है। प्रदेश सरकार द्वारा यह फैसला पारदर्शिता और पात्रता सुनिश्चित करने की दिशा में एक ठोस कदम माना जा रहा है।
सरकार की सख्ती से बदली प्रक्रिया
पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने जानकारी दी कि बीपीएल सूची से संबंधित लंबे समय से शिकायतें मिल रही थीं। अनेक मामलों में यह सामने आया कि बिना उचित प्रक्रिया के, गलत तरीके से नाम जोड़ दिए जाते थे, जिससे असल में जरूरतमंद लोग इस योजना के लाभ से वंचित रह जाते थे। अब इस स्थिति को सुधारने के लिए सरकार ने पंचायत प्रधानों की भूमिका को खत्म कर, प्रशासनिक अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी है।
अब बीपीएल सूची बनाने की प्रक्रिया पूरी तरह से एसडीएम और बीडीओ के निर्देशन में होगी। केवल वे परिवार, जिनकी वार्षिक आय ₹50,000 से कम है, सूची में शामिल किए जाएंगे। यह स्पष्ट नियम लागू किया गया है जिससे केवल वास्तविक जरूरतमंद परिवार ही लाभ पा सकें।
आवेदन की समयसीमा और प्रक्रिया
इच्छुक परिवारों को 1 अप्रैल से 30 अप्रैल तक अपने दस्तावेजों के साथ आवेदन जमा करने होंगे। आवेदन बीडीओ कार्यालय या पंचायत के माध्यम से किया जा सकता है। 15 अप्रैल तक एसडीएम की अध्यक्षता में एक त्रिस्तरीय सत्यापन समिति का गठन किया जाएगा, जिसमें पंचायत सचिव, पटवारी और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता शामिल होंगे। यह समिति सभी आवेदनों की जांच करेगी और पात्र परिवारों की सूची तैयार करेगी।
सार्वजनिक जांच और आपत्ति की व्यवस्था
सरकार ने इस प्रक्रिया को पूरी तरह पारदर्शी बनाने के लिए यह भी व्यवस्था की है कि तैयार की गई बीपीएल सूची 15 जून तक ग्राम पंचायत के नोटिस बोर्ड पर प्रदर्शित की जाएगी। यदि किसी व्यक्ति को सूची में शामिल नामों पर आपत्ति है, तो वह जुलाई में आयोजित ग्राम सभा में अपनी शिकायत दर्ज कर सकता है। यह एक महत्वपूर्ण प्रावधान है जिससे स्थानीय स्तर पर पारदर्शिता और जवाबदेही बनी रहेगी।
समयबद्ध निष्पादन
प्रदेश सरकार ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि पूरी प्रक्रिया 15 अक्टूबर 2025 तक पूरी कर ली जाए। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि पात्र परिवारों को सरकारी योजनाओं का समय पर लाभ मिल सके। इस बदलाव से यह उम्मीद की जा रही है कि बीपीएल योजना वास्तव में उन लोगों तक पहुंचेगी जिन्हें इसकी सबसे अधिक आवश्यकता है।