
मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना (Mukhyamantri Pashudhan Vikas Yojana) झारखंड सरकार की एक महत्वाकांक्षी पहल है, जिसका उद्देश्य राज्य के किसानों और पशुपालकों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है। यह योजना विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों के उन लोगों के लिए शुरू की गई है जो पशुपालन को रोजगार के रूप में अपनाना चाहते हैं लेकिन पूंजी की कमी के कारण इसे शुरू नहीं कर पाते।
यह योजना झारखंड के पशुपालन विभाग (Animal Husbandry Department), कल्याण विभाग और ग्रामीण विकास विभाग के सहयोग से वर्ष 2024 में एकीकृत रूप से लागू की गई है। इसके तहत लाभार्थियों को दुधारू पशु, बकरी-बकरा, कुकुट पालन (पोल्ट्री), बत्तख पालन और सूकर पालन के लिए यूनिट लागत पर 75% से 90% तक की सब्सिडी दी जाती है।
मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना झारखंड सरकार की एक क्रांतिकारी पहल है, जो ग्रामीण क्षेत्रों के किसानों को सशक्त बनाने और स्वरोजगार उपलब्ध कराने की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह योजना राज्य में पशुधन उत्पादन को बढ़ावा देकर आर्थिक विकास में अहम भूमिका निभा रही है।
योजना का मुख्य उद्देश्य और लाभ
मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना का मुख्य उद्देश्य राज्य के पशुपालकों को स्वरोजगार से जोड़ना, ग्रामीण क्षेत्र में पशुधन उत्पादकता बढ़ाना और किसानों की आय में वृद्धि करना है। इस योजना के अंतर्गत सरकार लाभार्थियों को यूनिट लागत पर भारी सब्सिडी प्रदान करती है जिससे वे न्यूनतम निवेश पर पशुपालन व्यवसाय शुरू कर सकते हैं।
सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि सब्सिडी की राशि सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में DBT (Direct Benefit Transfer) के माध्यम से भेजी जाती है, जिससे पारदर्शिता बनी रहती है। इसके तहत:
- विधवा महिलाएं, विकलांग व्यक्ति, निराश्रित महिलाएं और निःसंतान दंपत्ति को 90% तक सब्सिडी मिलती है।
- अन्य आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को 75% तक की सब्सिडी दी जाती है।
- कुछ यूनिट जैसे बकरी, सूकर, बत्तख व कुकुट पालन के लिए 100% तक अनुदान भी संभव है।
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योजना की प्रमुख विशेषताएं
यह योजना न केवल पशुपालन को बढ़ावा देती है, बल्कि कोविड-19 के बाद रोजगार की तलाश कर रहे ग्रामीणों के लिए एक स्थायी आय का स्रोत भी प्रदान करती है। योजना की अन्य विशेषताएं इस प्रकार हैं:
- लाभार्थी को केवल 10% से 25% निवेश करना होता है, शेष खर्च राज्य सरकार उठाती है।
- यह योजना ग्रामीण युवाओं को अच्छी नस्ल के पशु पालने के लिए प्रोत्साहित करती है।
- इसके जरिए राज्य में दूध, मांस और अंडा उत्पादन में बढ़ोत्तरी होगी।
- इससे पशुपालकों को बाजार से जुड़ने में मदद मिलेगी और उनकी आमदनी बढ़ेगी।
पात्रता मानदंड
मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना का लाभ उठाने के लिए कुछ आवश्यक पात्रताएं तय की गई हैं:
- आवेदक झारखंड राज्य का स्थायी निवासी हो।
- किसान या पशुपालक होना अनिवार्य है।
- पशुपालन संबंधी प्रशिक्षण प्राप्त किया हो (यदि उपलब्ध हो)।
- आवेदक के पास यूनिट स्थापित करने के लिए पर्याप्त भूमि होनी चाहिए।
- दिव्यांग, निराश्रित महिलाएं और विधवा महिलाओं को प्राथमिकता दी जाएगी।
आवश्यक दस्तावेज
योजना के तहत आवेदन करने के लिए निम्नलिखित दस्तावेजों की आवश्यकता होगी:
- आधार कार्ड
- राशन कार्ड
- निवास प्रमाण पत्र
- भूमि से संबंधित दस्तावेज
- प्रशिक्षण प्रमाणपत्र (यदि हो)
- विकलांग प्रमाणपत्र (यदि लागू हो)
- विधवा प्रमाणपत्र (यदि लागू हो)
- बैंक पासबुक की प्रति
- पासपोर्ट साइज फोटो
- सक्रिय मोबाइल नंबर
आवेदन प्रक्रिया
Mukhyamantri Pashudhan Vikas Yojana के लिए फिलहाल ऑनलाइन आवेदन की सुविधा नहीं दी गई है। इच्छुक लाभार्थी को ऑफलाइन आवेदन करना होगा। आवेदन प्रक्रिया इस प्रकार है:
- आवेदक को अपने नजदीकी पशुपालन विभाग के कार्यालय में संपर्क करना होगा।
- वहां से मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना का आवेदन फॉर्म प्राप्त करें।
- आवेदन फॉर्म को सावधानीपूर्वक भरें और आवश्यक दस्तावेजों के साथ संलग्न करें।
- पूरा भरा हुआ फॉर्म संबंधित कार्यालय में जमा करें।
- आवेदन की जांच पशुपालन विभाग द्वारा की जाएगी और पात्रता पुष्टि के बाद योजना का लाभ प्रदान किया जाएगा।
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योजना की आधिकारिक वेबसाइट
योजना से जुड़ी विस्तृत जानकारी और आवश्यक पीडीएफ फॉर्म डाउनलोड करने के लिए पशुपालन विभाग झारखंड की आधिकारिक वेबसाइट https://animalhusbandry.jharkhand.gov.in/hi/home-flagship-scheme/ पर विजिट किया जा सकता है।