
देश की सबसे बड़ी एयरलाइन कंपनी इंडिगो (Indigo) एक बार फिर सुर्खियों में है, लेकिन इस बार वजह उसकी हवाई सेवाएं नहीं, बल्कि एक बड़ा वित्तीय विवाद है। हाल ही में आयकर विभाग (Income Tax) ने इंडिगो की मूल कंपनी इंटरग्लोब एविएशन (InterGlobe Aviation) पर 944.20 करोड़ रुपये का जुर्माना (Penalty) लगाया है। कंपनी का दावा है कि यह आदेश गलतफहमी पर आधारित है और वह इसके खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ेगी।
आदेश का आधार और इंडिगो की प्रतिक्रिया
इंडिगो को यह जुर्माना आदेश शनिवार को मिला और रविवार को कंपनी ने इस बारे में औपचारिक जानकारी शेयर बाजारों को दी। आदेश के अनुसार, आकलन वर्ष 2021-22 के लिए यह जुर्माना लगाया गया है। आयकर विभाग की आकलन इकाई ने यह मान लिया कि कंपनी द्वारा धारा 143 (3) के तहत पारित आकलन आदेश के खिलाफ आयकर आयुक्त (अपील) [CIT(A)] के समक्ष जो अपील दायर की गई थी, वह खारिज हो चुकी है।
हालांकि, इंडिगो का कहना है कि यह मामला अब भी लंबित है और अभी अंतिम निर्णय आना बाकी है। कंपनी का यह भी कहना है कि इस जुर्माने का न तो उसकी वित्तीय स्थिति पर असर पड़ेगा, न ही संचालन या अन्य गतिविधियों पर कोई प्रभाव दिखेगा। एयरलाइन को पूरा विश्वास है कि यह आदेश कानून के अनुरूप नहीं है और इसमें गंभीर त्रुटियां हैं, जिन्हें न्यायिक प्रक्रिया के माध्यम से चुनौती दी जाएगी।
कानूनी प्रक्रिया की अगली कड़ी
इंडिगो ने साफ किया है कि वह इस आदेश को चुनौती देने के लिए उचित कानूनी उपाय अपनाएगी। कर मामलों में ऐसी अपीलें आमतौर पर आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण (ITAT), उच्च न्यायालय और आवश्यकता पड़ने पर सर्वोच्च न्यायालय तक जाती हैं। यह मामला भी संभवतः ऐसे ही रास्ते से गुज़रेगा।
कंपनी की छवि और निवेशकों की चिंता
इस जुर्माने की खबर ने निवेशकों के बीच हलचल जरूर पैदा की है, लेकिन कंपनी के इस भरोसेमंद रुख से बाजार में कोई नकारात्मक संकेत नहीं देखा गया है। इंडिगो ने अपने बयान में स्पष्ट किया कि कंपनी की कारोबारी नींव मज़बूत है और यह आदेश उसकी परिचालन क्षमताओं को प्रभावित नहीं करेगा।