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पत्नी ने दी दहेज केस की धमकी? जानिए कैसे करें कानूनी बचाव –अभी जानें लीगल तरीका

क्या आपकी पत्नी ने भी झूठे दहेज या घरेलू हिंसा केस की धमकी दी है? क्या आप समझ नहीं पा रहे कि अब क्या करें? पढ़िए इस रिपोर्ट में कैसे वक्त रहते सही कदम उठाकर आप खुद को और अपने परिवार को बचा सकते हैं जेल और बदनामी से। जानिए पूरा सच और कानूनी उपाय, अभी

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पत्नी ने दी दहेज केस की धमकी? जानिए कैसे करें कानूनी बचाव –अभी जानें लीगल तरीका
पत्नी ने दी दहेज केस की धमकी? जानिए कैसे करें कानूनी बचाव –अभी जानें लीगल तरीका

‘मैं तुम्हें सबक सिखा दूंगी… अब जेल की हवा खाओगे!’—यह डायलॉग सिर्फ फिल्मों तक सीमित नहीं रहा। आज के समय में, कई पुरुषों को अपनी पत्नी या ससुराल पक्ष से झूठे दहेज (Dowry) और घरेलू हिंसा (Domestic Violence) के मामलों में फंसाने की धमकियाँ मिल रही हैं। ऐसे मामलों में, समय रहते कानूनी सलाह लेना और उचित कदम उठाना बेहद आवश्यक है।

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दहेज और घरेलू हिंसा से जुड़े प्रमुख कानून

IPC की धारा 498A

  • भारतीय दंड संहिता की धारा 498A के तहत, यदि पति या उसके परिवार द्वारा पत्नी को दहेज के लिए प्रताड़ित किया जाता है, तो यह गैर-जमानती अपराध माना जाता है। पुलिस को बिना वारंट के गिरफ्तारी का अधिकार होता है।

घरेलू हिंसा अधिनियम, 2005

  • इस अधिनियम के तहत, शारीरिक, मानसिक, आर्थिक और यौन शोषण को घरेलू हिंसा की श्रेणी में रखा गया है। पीड़िता को सुरक्षा, निवास, मुआवजा और भरण-पोषण की सुविधा मिलती है।

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कानून के दुरुपयोग की वास्तविकता

सुप्रीम कोर्ट ने भी माना है कि IPC की धारा 498A का दुरुपयोग हो रहा है। 2017 में, जस्टिस चंद्रचूड़ की बेंच ने कहा था कि इस धारा का बदले की भावना से उपयोग न्याय की अवहेलना है। कई बार देखा गया है कि तलाक या आपसी विवाद के दौरान पत्नी द्वारा पति और उसके पूरे परिवार को गंभीर धाराओं में फंसा दिया जाता है।

धमकी मिलने पर क्या करें?

1. धमकी को गंभीरता से लें

  • यदि पत्नी झूठे केस की धमकी दे रही है, तो उसके बयानों के रिकॉर्ड्स रखें जैसे ऑडियो, वीडियो, चैट्स या ईमेल।

2. जनरल डायरी (GD) या शिकायत दर्ज कराएं

  • स्थानीय थाने में जाकर धमकी की जानकारी दें। इससे एक रिकॉर्ड बन जाता है कि आपके साथ क्या हो रहा है।

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3. अग्रिम जमानत (Anticipatory Bail) लें

  • यदि पत्नी झूठा केस दर्ज कर देती है, तो कोर्ट से अग्रिम जमानत लेना जरूरी हो सकता है, खासकर जब गिरफ्तारी की आशंका हो।

4. सिविल केस की तैयारी करें

  • कोर्ट में injunction की मांग कर सकते हैं कि बिना सबूत के गिरफ्तारी या कार्रवाई न हो। इसके अलावा, क्वाश पिट‍िशन भी एक विकल्प है।

5. परिवार को सतर्क करें

  • अक्सर इन मामलों में पूरे परिवार को आरोपी बना दिया जाता है। बुजुर्ग माता-पिता, बहन या भाई को भी अग्रिम जमानत की ज़रूरत हो सकती है।

कानूनी सलाह लेना जरूरी

498A और घरेलू हिंसा कानून जैसे प्रावधान महिलाओं की सुरक्षा के लिए बने थे, लेकिन कुछ मामलों में इनका दुरुपयोग भी हुआ है। यदि किसी पुरुष को इस तरह की धमकी मिल रही है, तो घबराने की बजाय कानूनी सलाह लेकर समय रहते कदम उठाना चाहिए। न्याय केवल स्त्री या पुरुष के लिए नहीं, बल्कि सच के लिए होता है।

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मानसिक स्वास्थ्य का भी रखें ध्यान

ऐसे मामलों में पति या उसका परिवार गहरे तनाव में आ सकता है। नौकरी, रिश्ते और समाज में बदनामी जैसी चीजें मानसिक रूप से तोड़ सकती हैं। इसीलिए, काउंसलिंग, थेरेपी या किसी विश्वासपात्र से बातचीत करना बेहद ज़रूरी होता है।

क्या गलतियां नहीं करनी चाहिए?

  • पत्नी को धमकी न दें, वरना उल्टा आपके खिलाफ सबूत बन सकता है।
  • सोशल मीडिया पर पोस्ट या मेसेज के जरिए विवाद न बढ़ाएं।
  • पुलिस से झूठ न बोलें, सच्चाई और सबूतों के साथ पेश आएं।

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कानूनी विकल्प

यदि पत्नी द्वारा झूठा केस दर्ज किया जाता है, तो पति धारा 340 CrPC के तहत पत्नी के खिलाफ शिकायत दर्ज कर सकता है। इसके अलावा, Tele-Law कार्यक्रम के माध्यम से भी कानूनी सलाह ली जा सकती है, जो ग्रामीण क्षेत्रों में मुफ्त कानूनी सहायता प्रदान करता है।

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