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IPL 2025 में नया धमाका! वाइड और नो बॉल पर अब नहीं होगा झगड़ा – BCCI ने लाई नई टेक्नोलॉजी

IPL 2025 में अब नो बॉल और वाइड बॉल पर नहीं होगा कोई विवाद! BCCI ने अपनाई नई हाइट-मैपिंग तकनीक, जो बल्लेबाज की कमर, कंधे और सिर की ऊंचाई मापेगी और थर्ड अंपायर को देगी सटीक डेटा। हॉक-आई से जुड़े इस बड़े अपडेट ने पूरे IPL को बना दिया हाई-टेक – जानिए इस क्रांतिकारी बदलाव के फायदे

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IPL 2025 में नया धमाका! वाइड और नो बॉल पर अब नहीं होगा झगड़ा – BCCI ने लाई नई टेक्नोलॉजी
IPL 2025 में नया धमाका! वाइड और नो बॉल पर अब नहीं होगा झगड़ा – BCCI ने लाई नई टेक्नोलॉजी

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने IPL New Rule For No Ball के तहत एक नई तकनीक को लागू करने का निर्णय लिया है, जिससे इंडियन प्रीमियर लीग (Indian Premier League) के दौरान नो बॉल (No Ball), वाइड बॉल (Wide Ball) और अन्य अंपायरिंग निर्णयों को लेकर किसी भी तरह का विवाद न हो। बोर्ड लगातार इस दिशा में तकनीकी सुधार कर रहा है ताकि खेल में पारदर्शिता और निष्पक्षता को सुनिश्चित किया जा सके। इस नई प्रणाली के जरिए अब खिलाड़ी की कमर और कंधे की ऊंचाई को ध्यान में रखते हुए नो बॉल का फैसला किया जाएगा।

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क्या है IPL में नो बॉल को लेकर नया नियम?

BCCI ने IPL 2024 में एक तकनीक शुरू की थी, जिसमें फुलटॉस गेंदों को नो बॉल घोषित करने के लिए बल्लेबाज की कमर की ऊंचाई मापी जाती थी। अब IPL New Rule For No Ball के तहत इस तकनीक को और अपग्रेड किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, अब बल्लेबाज की क्रीज पर मौजूदगी के दौरान उसकी कमर, कंधे और सिर की ऊंचाई को मापा जाएगा। यह डेटा हॉक-आई सिस्टम (Hawk-Eye Technology) में अपलोड किया जाएगा, जो थर्ड अंपायर के साथ मिलकर फैसले लेने में मदद करेगा।

हॉक-आई सिस्टम पहले से ही डीआरएस और रन आउट के मामलों में इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन अब इसका इस्तेमाल शॉर्ट पिच डिलीवरी, फुलटॉस, नो बॉल और वाइड बॉल को लेकर फैसले करने में भी किया जाएगा।

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IPL में बाउंसर और शॉर्ट बॉल को लेकर क्या नियम है?

फिलहाल IPL में किसी भी गेंदबाज को एक ओवर में केवल दो बाउंसर फेंकने की अनुमति होती है। यदि कोई गेंदबाज एक ही ओवर में तीसरी शॉर्ट पिच गेंद डालता है, तो उसे नो बॉल करार दिया जाता है। IPL New Rule For No Ball के तहत अब यह निर्णय भी तकनीकी सहायता से लिया जाएगा, जिससे अंपायरिंग में मानवीय त्रुटियों की संभावना खत्म हो जाएगी।

खिलाड़ियों के लिए कैसे फायदेमंद है यह तकनीक?

यह नई तकनीक खिलाड़ियों के लिए भी फायदेमंद साबित होगी। खिलाड़ियों की वास्तविक ऊंचाई और बॉडी पॉइंट्स के अनुसार गेंदों का मूल्यांकन किया जाएगा। इससे बल्लेबाजों को फुलटॉस पर गलत आउट दिए जाने की घटनाएं नहीं होंगी और गेंदबाजों को भी साफ-सुथरे निर्णय मिलेंगे।

IPL 2025 के पहले मैच पर संकट के बादल

IPL 2025 का उद्घाटन मुकाबला कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) और रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (RCB) के बीच कोलकाता में खेला जाना है। लेकिन मौसम विभाग ने कोलकाता में 20 से 22 मार्च तक भारी बारिश और तूफान की आशंका जताई है, जिसको देखते हुए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।

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22 मार्च को ही IPL 2025 की ओपनिंग सेरेमनी होनी है, जिसमें श्रेया घोषाल, अरिजीत सिंह और दिशा पाटनी जैसे बड़े सितारों के प्रदर्शन की अटकलें लगाई जा रही हैं। लेकिन खराब मौसम के कारण न केवल उद्घाटन समारोह, बल्कि पहला मुकाबला भी रद्द हो सकता है। इससे IPL फैंस में मायूसी देखी जा रही है।

IPL में टेक्नोलॉजी का बढ़ता दखल

IPL New Rule For No Ball के साथ यह साफ हो गया है कि BCCI और IPL प्रशासन अब तकनीक का इस्तेमाल बढ़ा रहा है ताकि फैसले में पारदर्शिता लाई जा सके। हॉक-आई और अल्ट्रा एज जैसी तकनीकों ने पहले ही DRS में क्रांति ला दी है। अब इनका विस्तार गेंद की ऊंचाई और लेंथ मापने में किया जा रहा है।

भविष्य में यह संभव है कि Artificial Intelligence और Machine Learning की मदद से अंपायरिंग निर्णयों को पूरी तरह से स्वत: कर दिया जाए, जिससे खेल और ज्यादा निष्पक्ष बन सके।

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