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भ्रष्टाचार के मामले में दुनिया के शीर्ष 10 देश, भारत का स्थान जानिए

CPI-करप्शन पर्सेप्शन्स इंडेक्स 2024 में दुनिया के 180 देशों को भ्रष्टाचार के आधार पर रैंक किया गया है। South Sudan सबसे अधिक भ्रष्ट, जबकि Denmark सबसे कम भ्रष्ट देश है। भारत का स्कोर 38 रहा और स्थान 96वां है। रिपोर्ट भ्रष्टाचार की वैश्विक चुनौती को उजागर करती है और सुधार के लिए पारदर्शिता, स्वतंत्र प्रेस और जवाबदेही की आवश्यकता को रेखांकित करती है।

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भ्रष्टाचार के मामले में दुनिया के शीर्ष 10 देश, भारत का स्थान जानिए
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CPI-करप्शन पर्सेप्शन्स इंडेक्स 2024 एक बार फिर यह दिखाता है कि भ्रष्टाचार एक वैश्विक समस्या है, जो किसी एक क्षेत्र तक सीमित नहीं है। यह इंडेक्स ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल द्वारा हर साल जारी किया जाता है, जिसमें दुनिया के 180 देशों को भ्रष्टाचार की धारणा के आधार पर 0 से 100 के स्कोर पर रैंक किया जाता है। 0 स्कोर का अर्थ होता है अत्यंत भ्रष्ट और 100 स्कोर का मतलब होता है लगभग भ्रष्टाचार मुक्त।

CPI 2024 के अनुसार दुनिया के सबसे भ्रष्ट देश

  • 1. साउथ सुडान (South Sudan)
    • CPI स्कोर: 8
    • रैंक: 180 (सबसे अंतिम)
    • स्थिति: लगातार कई वर्षों से सबसे अधिक भ्रष्ट देश बना हुआ है।
    • कारण: लंबे समय से चला आ रहा गृहयुद्ध, अत्यधिक राजनीतिक अस्थिरता, प्रशासनिक तंत्र की पूरी विफलता और संस्थाओं का पूरी तरह से ध्वस्त हो जाना।
    • जनता को बुनियादी सुविधाएं भी भ्रष्टाचार के कारण नहीं मिल पा रही हैं।
  • 2. सोमालिया (Somalia)
    • CPI स्कोर: 9
    • रैंक: 179
    • स्थिति: अफ्रीका का एक देश जो वर्षों से भ्रष्टाचार और अराजकता का शिकार है।
    • कारण: आतंकवाद, क्लैन-आधारित सत्ता संघर्ष, कोई स्थायी सरकार नहीं, न्याय व्यवस्था बेहद कमजोर।
    • संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों की मौजूदगी के बावजूद सुधार नहीं हो पाया है।
  • 3. वेनेजुएला (Venezuela)
    • CPI स्कोर: 10
    • रैंक: 178
    • स्थिति: लैटिन अमेरिका का सबसे भ्रष्ट देश।
    • कारण: आर्थिक संकट, तानाशाही शासन, मानवाधिकार हनन, और सरकारी स्तर पर घोटालों की भरमार।
    • यहां के नागरिक मूलभूत जरूरतों के लिए भी संघर्ष कर रहे हैं।
  • 4. सीरिया (Syria)
    • CPI स्कोर: 12
    • रैंक: 177
    • स्थिति: मिडिल ईस्ट का युद्धग्रस्त देश।
    • कारण: दशकों से चल रहा गृहयुद्ध, तानाशाही शासन, विदेशी हस्तक्षेप और विध्वंसक प्रशासनिक ढांचा।
    • भ्रष्टाचार युद्ध के साथ-साथ समाज में भी गहराई तक फैला है।
  • 5. यमन (Yemen)
    • CPI स्कोर: 13
    • रैंक: 173
    • स्थिति: गृहयुद्ध से जूझता अरब प्रायद्वीप का देश।
    • कारण: राजनीतिक टूट-फूट, हौथी विद्रोह, विदेशी हस्तक्षेप और राहत सामग्रियों में भी घोटाले।
    • CPI स्कोर में पिछले साल की तुलना में 3 अंक की गिरावट दर्ज हुई है।
  • 6. लीबिया (Libya)
    • CPI स्कोर: 13
    • रैंक: 173
    • स्थिति: मोअम्मर गद्दाफी की मौत के बाद लगातार अराजकता में डूबा हुआ देश।
    • कारण: दोहरी सरकारें, लड़ाकों के बीच टकराव, तेल राजस्व की लूट और भ्रष्ट नौकरशाही।
    • सार्वजनिक सेवाएं लगभग ध्वस्त हो चुकी हैं।
  • 7. इरीट्रिया (Eritrea)
    • CPI स्कोर: 13
    • रैंक: 173
    • स्थिति: अफ्रीका का एक तानाशाही शासित देश।
    • कारण: प्रेस की स्वतंत्रता पूरी तरह खत्म, चुनाव नहीं होते, सैन्य शासन, न्यायिक पारदर्शिता की भारी कमी।
    • नागरिकों पर अत्याचार और भ्रष्ट प्रशासन इस देश की पहचान बन चुके हैं।
  • 8. इक्वेटोरियल गिनी (Equatorial Guinea)
    • CPI स्कोर: 13
    • रैंक: 173
    • स्थिति: यह देश तेल-समृद्ध है, फिर भी जनता गरीब है।
    • कारण: सत्ता परिवार के हाथों केंद्रित, सरकारी संसाधनों का निजी उपयोग, अंतरराष्ट्रीय घोटाले।
    • 2023 से CPI स्कोर में 4 अंकों की गिरावट दर्ज की गई है।
  • 9. निकारागुआ (Nicaragua)
    • CPI स्कोर: 14
    • रैंक: 172
    • स्थिति: मध्य अमेरिका का सबसे बड़ा देश।
    • कारण: डैनियल ओर्तेगा के अधिनायकवादी शासन, मीडिया पर पाबंदी, चुनावों में धांधली और विपक्ष का दमन।
    • देश में लोकतंत्र लगभग समाप्त हो चुका है।
  • 10. सुडान (Sudan)
    • CPI स्कोर: 15
    • रैंक: 171
    • स्थिति: हाल ही के वर्षों में सैन्य तख्तापलट का शिकार।
    • कारण: बार-बार सत्ता परिवर्तन, भ्रष्ट सैन्य शासन, आंतरिक संघर्ष और व्यवस्था की कमजोरी।
    • 2023 के मुकाबले देश का CPI स्कोर और भी नीचे गया है।

भारत की स्थिति और वैश्विक तुलना

भारत को CPI 2024 में 38 स्कोर मिला है और उसकी रैंक 96वीं है। यह बताता है कि भारत न तो अत्यधिक भ्रष्ट देशों में आता है और न ही सबसे साफ-सुथरे देशों में। भारत के लिए यह स्थिति न सुधार का संकेत है, न गिरावट का। तुलना करें तो चीन का स्कोर 43 और रैंक 76 है, जबकि पाकिस्तान 135वें स्थान पर है। अमेरिका जैसे विकसित देश भी 28वीं रैंक पर हैं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि भ्रष्टाचार केवल विकासशील देशों की समस्या नहीं है।

CPI 2024 की यह रिपोर्ट साफ़ दर्शाती है कि ये देश केवल राजनीतिक अस्थिरता के कारण ही भ्रष्ट नहीं हैं, बल्कि उनकी संस्थाएं, प्रशासन और सामाजिक तंत्र पूरी तरह से कमजोर हो चुके हैं। इन देशों में जनता को सबसे अधिक नुकसान झेलना पड़ता है—बुनियादी सुविधाएं, रोजगार, शिक्षा और स्वास्थ्य सब कुछ भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाता है।

भारत जैसे देशों को इस सूची से सबक लेना चाहिए और अपनी प्रशासनिक पारदर्शिता, जवाबदेही और नागरिक सहभागिता को बढ़ाना चाहिए, ताकि भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म किया जा सके।

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