
प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण (Pradhan Mantri Awas Yojana-Gramin) के तहत बिहार में घर पाने का सपना साकार हो रहा है। ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री श्रवण कुमार ने हाल ही में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में 75,295 लाभार्थियों को एकमुश्त 40,000 रुपये की पहली किस्त ऑनलाइन वितरित की। यह कार्यक्रम पटना स्थित मुख्य सचिवालय के ग्रामीण विकास विभाग सभागार में आयोजित हुआ, जिसमें विभाग के सचिव लोकेश सिंह ने भी वर्तमान वित्तीय वर्ष की उपलब्धियों को साझा किया।
प्रधानमंत्री आवास योजना-Gramin के तहत लक्ष्य और प्रगति
सितंबर 2024 में राज्य को प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण (PMAY-G) के तहत 2,43,903 घरों का निर्माण लक्ष्य प्राप्त हुआ था। 17 सितंबर को आयोजित कार्यक्रम में लगभग 90,000 लाभुकों को एकमुश्त 360 करोड़ रुपये की सहायता राशि दी गई थी। इसके बाद केंद्र सरकार द्वारा 27 जनवरी 2025 को राज्य को अतिरिक्त 5,46,745 घरों का लक्ष्य दिया गया, जिससे कुल लक्ष्य बढ़कर 7,90,648 हो गया।
इस बढ़े हुए लक्ष्य के अंतर्गत पांच मार्च 2025 तक तीन लाख लाभार्थियों को आवास स्वीकृति के साथ पहली किस्त प्रदान की जा चुकी है, जिस पर 1200 करोड़ रुपये का व्यय हुआ। अब तक 7,24,230 परिवारों को आवास स्वीकृति दी गई है, जिनमें से 6,30,049 को प्रथम किस्त, 2,01,082 को द्वितीय किस्त तथा 1,21,539 लाभुकों को तृतीय किस्त का भुगतान किया गया है। इस योजना के तहत अब तक 58,409 आवास पूरी तरह बनकर तैयार हो चुके हैं।
वित्तीय सहायता और सहयोगी योजनाएं
प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण (PMAY-Gramin) के अंतर्गत प्रत्येक लाभार्थी को कुल 1.20 लाख रुपये की सहायता तीन किस्तों में प्रदान की जाती है। इस राशि में 60% यानी 72,000 रुपये केंद्र सरकार तथा शेष 40% यानी 48,000 रुपये राज्य सरकार वहन करती है।
इसके अलावा, लाभार्थियों को मनरेगा (MGNREGA) के अंतर्गत 90 दिनों की अकुशल मजदूरी के रूप में 22,050 रुपये और लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान से शौचालय निर्माण हेतु 12,000 रुपये की अतिरिक्त राशि भी दी जाती है। इस तरह प्रति लाभार्थी को कुल 1,54,050 रुपये की सहायता प्राप्त होती है।
अगले 100 दिनों का रोडमैप
आज के आयोजन में शामिल हुए 75,295 लाभार्थियों को आने वाले 100 दिनों में द्वितीय और तृतीय किस्त के रूप में 80,000 रुपये प्रदान किए जाएंगे। इसके अतिरिक्त मनरेगा और शौचालय निर्माण योजना के तहत दी जाने वाली सहायता जोड़कर इन लाभार्थियों को कुल 1155.375 करोड़ रुपये दिए जाएंगे।
इस कार्यक्रम में विशेष रूप से पटना जिले के लाभार्थी उपस्थित थे, जो राज्य की विकास प्रक्रिया में बढ़ती भागीदारी को दर्शाता है।