
राजस्थान सरकार ने शिक्षा सत्र के आठ माह बाद सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को यूनिफॉर्म (Uniform) के लिए आर्थिक सहायता देने का बड़ा फैसला लिया है। इस योजना के तहत कक्षा 1 से 8वीं तक के सभी छात्र-छात्राओं और कक्षा 9वीं से 12वीं तक की छात्राओं को 800 रुपए की राशि सीधे बैंक खातों में डीबीटी (DBT) योजना के माध्यम से ट्रांसफर की जाएगी। इस योजना का औपचारिक शुभारंभ मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा 27 मार्च को करेंगे।
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राजस्थान सरकार की यह यूनिफॉर्म योजना शिक्षा क्षेत्र में सुधार की दिशा में एक सराहनीय प्रयास है। 800 रुपए की सहायता राशि से बच्चों की यूनिफॉर्म और बैग्स की जरूरत पूरी की जा सकेगी, जिससे स्कूल जाने में सुविधा होगी और वे शिक्षा की मुख्यधारा से जुड़े रहेंगे। 27 मार्च से मुख्यमंत्री द्वारा इसकी शुरुआत की जा रही है, जो कि राज्य के लाखों विद्यार्थियों के लिए एक सुखद खबर है।
बजट घोषणा का क्रियान्वयन शुरू, शिक्षा विभाग ने जारी किए निर्देश
राज्य सरकार की बजट घोषणा के तहत यूनिफॉर्म योजना के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी शिक्षा विभाग को दी गई है। राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद की आयुक्त अनुपमा जोरवाल ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। योजना के सफल कार्यान्वयन के लिए यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि जिन विद्यार्थियों के बैंक खाते जनआधार से लिंक नहीं हैं, उन्हें निर्धारित समय में अपडेट करवा लिया जाए।
यूनिफॉर्म और बैग्स के लिए सीधे खाते में आएंगे 800 रुपए
पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में छात्रों को दो सेट यूनिफॉर्म फैब्रिक नि:शुल्क दिए जाते थे और सिलाई के लिए 200 रुपए की राशि मिलती थी। अब नई सरकार ने उस नीति में बदलाव कर छात्रों को सीधे 800 रुपए बैंक खाते में देने की योजना लागू की है। इस राशि से छात्र-छात्राएं स्वयं यूनिफॉर्म और आवश्यकता अनुसार बैग्स की खरीद कर सकेंगे।
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12.94 लाख छात्राओं को होगा विशेष लाभ
राज्यभर में लगभग 12 लाख 94 हजार 645 छात्राओं को इस योजना का सीधा लाभ मिलेगा। कक्षा 9 से 12वीं तक की छात्राओं को भी इस योजना के तहत शामिल किया गया है, जोकि राज्य सरकार की बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने की नीति के अनुरूप है। यूनिफॉर्म के लिए आर्थिक सहायता प्रदान कर सरकार ने छात्राओं के बीच स्कूल ड्रॉपआउट रेट को कम करने की दिशा में सकारात्मक कदम उठाया है।
DBT प्रणाली से पारदर्शिता और त्वरित लाभ
इस योजना को डीबीटी (Direct Benefit Transfer) के माध्यम से लागू किया गया है, जिससे भ्रष्टाचार की संभावनाएं कम होंगी और सहायता राशि सीधे लाभार्थियों तक पहुंच सकेगी। बैंक खातों के माध्यम से राशि स्थानांतरित होने से लाभार्थियों को किसी तरह की अतिरिक्त प्रक्रिया या परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा।
बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने की नीति का हिस्सा
राज्य सरकार द्वारा इस योजना में विशेष रूप से कक्षा 9 से 12वीं तक की छात्राओं को शामिल करना दर्शाता है कि सरकार बालिकाओं की शिक्षा को प्राथमिकता दे रही है। यूनिफॉर्म और बैग्स जैसी बुनियादी आवश्यकताओं की पूर्ति से छात्राओं की स्कूल में उपस्थिति बढ़ेगी और शिक्षा में उनकी निरंतरता सुनिश्चित की जा सकेगी।
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योजना के क्रियान्वयन के लिए आवश्यक कदम
शिक्षा विभाग द्वारा जिलों को यह निर्देश दिया गया है कि संबंधित विद्यालय यह सुनिश्चित करें कि सभी विद्यार्थियों के जनआधार और बैंक खाते अपडेट हों। साथ ही विद्यालयों को यह भी कहा गया है कि जिन विद्यार्थियों का डाटा अधूरा है, उन्हें जल्द से जल्द पूर्ण करवाया जाए ताकि किसी भी पात्र छात्र या छात्रा को योजना से वंचित न रहना पड़े।
यूनिफॉर्म योजना से सामाजिक और आर्थिक प्रभाव
यूनिफॉर्म जैसी आवश्यक सुविधा प्रदान करना न केवल विद्यार्थियों की जरूरतों की पूर्ति करता है, बल्कि इससे उनके आत्मविश्वास में भी वृद्धि होती है। खासकर ग्रामीण और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के बच्चों को इससे काफी राहत मिलेगी। साथ ही सरकार की यह पहल सामाजिक समानता की दिशा में भी एक सकारात्मक कदम माना जा सकता है।