
मुख्यमंत्री कन्या विवाह-निकाह योजना (Chief Minister Kanya Vivah-Nikah Scheme) प्रदेश सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है, जिसका उद्देश्य गरीब परिवारों की कन्याओं को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना और उनके विवाह को गरिमापूर्ण तरीके से संपन्न कराना है। इस योजना के अंतर्गत ऐसे अभिभावकों की बेटियों को लाभ दिया जाता है जो गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन कर रहे हैं और बी.पी.एल. (BPL) पोर्टल पर सत्यापित हैं।
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सामूहिक विवाह समारोह के लिए संभागवार कैलेंडर होगा जारी
राज्य सरकार की ओर से योजना के तहत संभागवार जिलों में वार्षिक चक्रीय रूप से सामूहिक विवाह एवं निकाह सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे। इसके लिए अलग से एक विवाह-निकाह कैलेंडर तैयार किया जाएगा, ताकि सभी क्षेत्रों को समान अवसर मिल सके और आयोजन सुव्यवस्थित रूप से हो।
आवेदनों की स्क्रूटनी और पात्रता की प्रक्रिया
इस योजना के अंतर्गत प्राप्त आवेदनों की स्क्रूटनी निकाय स्तर पर की जाएगी। आवेदकों की पात्रता निर्धारित करने के लिए समग्र पोर्टल पर वर-वधू की आधार आधारित ई-केवायसी (Aadhaar e-KYC) अनिवार्य कर दी गई है। इससे योजना में पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सकेगी और लाभ वास्तविक पात्रों को मिलेगा।
न्यूनतम और अधिकतम विवाह जोड़ो की सीमा
योजना के अनुसार एक सामूहिक विवाह सम्मेलन में न्यूनतम 11 और अधिकतम 200 विवाह जोड़ो की संख्या निर्धारित की गई है। इससे एक ओर जहां आयोजन का प्रबंधन सुगमता से होगा, वहीं दूसरी ओर अधिक से अधिक लाभार्थियों को कवर करने का प्रयास किया जा सकेगा।
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55 हजार रुपये की सहायता राशि, इस तरह होगा वितरण
मुख्यमंत्री कन्या विवाह-निकाह योजना में प्रत्येक वधू को कुल ₹55,000 की सहायता राशि प्रदान की जाती है। इसमें से ₹49,000 की राशि वधू के नाम डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से उसके बैंक खाते में भेजी जाती है, जबकि शेष ₹6,000 का उपयोग विवाह सम्मेलन की व्यवस्थाओं पर किया जाता है।
इस राशि का वितरण निम्नानुसार होता है:
- ₹49,000 वधू के खाते में Account Payee Cheque या DBT द्वारा
- ₹6,000 आयोजन की व्यवस्थाओं हेतु संबंधित निकाय को
समाज के सक्षम वर्ग की भागीदारी होगी सुनिश्चित
राज्य सरकार ने योजना के आयोजन में केवल सरकारी तंत्र पर निर्भर न रहकर सामाजिक संस्थाओं और जन-प्रतिनिधियों की भागीदारी को भी जरूरी बताया है। इससे समाज के संपन्न वर्ग को इस अभियान से जोड़ा जा सकेगा और योजना का सामाजिक प्रभाव भी बढ़ेगा।
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योजना के प्रभाव और उद्देश्य
इस योजना का प्रमुख उद्देश्य बेटियों के विवाह में हो रहे अत्यधिक व्यय को कम करना और गरीब परिवारों को आर्थिक सहारा देना है। सामूहिक विवाह के माध्यम से न केवल सामाजिक एकजुटता को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि सामाजिक कुरीतियों जैसे दहेज प्रथा पर भी प्रभावी अंकुश लगेगा।
योजना विशेषकर उन परिवारों के लिए एक वरदान साबित हो रही है जो आर्थिक तंगी के चलते अपनी बेटियों की शादी समय पर नहीं कर पाते थे। इसके अतिरिक्त, योजना से सामाजिक समरसता का भी संदेश जाता है।