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RBI का सख्त एक्शन! इस बैंक का लाइसेंस रद्द – ग्राहकों के पैसे डूबे या बचेंगे? जानिए पूरा मामला

औरंगाबाद के Ajantha Urban Co-operative Bank का लाइसेंस रद्द, RBI ने बताया 'जनहित में जरूरी कदम'। क्या आपके पैसे डूब जाएंगे या मिलेगा रिफंड? जानिए ₹275 करोड़ से ज़्यादा की बीमा राशि का पूरा सच और कैसे करें दावा

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RBI का सख्त एक्शन! इस बैंक का लाइसेंस रद्द – ग्राहकों के पैसे डूबे या बचेंगे? जानिए पूरा मामला
RBI का सख्त एक्शन! इस बैंक का लाइसेंस रद्द – ग्राहकों के पैसे डूबे या बचेंगे? जानिए पूरा मामला

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने महाराष्ट्र के औरंगाबाद स्थित Ajantha Urban Co-operative Bank Maryadit का लाइसेंस रद्द कर दिया है। यह फैसला बैंक की बेहद कमजोर वित्तीय स्थिति और कमाई की संभावनाएं नगण्य होने के कारण लिया गया है। 22 अप्रैल 2025 को कारोबार की समाप्ति के साथ ही यह बैंक अब किसी भी तरह की बैंकिंग गतिविधियों के लिए अधिकृत नहीं रहेगा।

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RBI के अनुसार क्यों उठाया गया यह कदम

RBI ने अपने आधिकारिक बयान में स्पष्ट किया है कि Ajantha Urban Co-operative Bank की मौजूदा वित्तीय स्थिति इतनी खराब है कि यह अपने जमाकर्ताओं को भुगतान करने में अक्षम हो चुका है। बैंक के संचालन को आगे जारी रखना जनहित और जमाकर्ताओं के हितों के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता था। इसलिए बैंकिंग रेग्युलेटर ने यह कठोर फैसला लिया है।

अब बैंक नहीं कर सकेगा कोई बैंकिंग कार्य

लाइसेंस रद्द होने के बाद अब Ajantha Urban Co-operative Bank न तो कोई नया खाता खोल सकेगा, न ही किसी प्रकार की जमा राशि स्वीकार कर सकेगा और न ही कोई निकासी की प्रक्रिया पूरी कर पाएगा। यह निर्णय 22 अप्रैल 2025 को कारोबार समाप्त होने के बाद प्रभावी हो गया।

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बैंक के खाताधारकों की जमा राशि का क्या होगा?

इस निर्णय के बाद खाताधारकों में सबसे बड़ा सवाल उनकी जमा राशि को लेकर है। RBI ने आश्वस्त किया है कि जमाकर्ताओं को उनकी बीमित जमा राशि का भुगतान किया जाएगा। डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DICGC) के अंतर्गत प्रत्येक जमाकर्ता को ₹5 लाख तक की सुरक्षा दी जाएगी।

कितने खाताधारकों को मिलेगा पूरा भुगतान?

बैंक द्वारा प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार, लगभग 91.55% जमाकर्ताओं की पूरी जमा राशि ₹5 लाख की बीमा सीमा में आती है। यानी इतने प्रतिशत खाताधारकों को उनकी पूरी राशि वापस मिल जाएगी। DICGC ने 3 अप्रैल 2025 तक ₹275.22 करोड़ की बीमित जमा राशि का भुगतान पहले ही कर दिया है।

बैंक के बंद होने की प्रक्रिया

महाराष्ट्र के सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार को भी निर्देश दिया गया है कि वे बैंक को औपचारिक रूप से बंद करें और इसके लिए एक लिक्विडेटर नियुक्त करें। यह लिक्विडेटर ही अब बैंक की शेष परिसंपत्तियों और देनदारियों का प्रबंधन करेगा।

खाताधारकों को क्या करना चाहिए?

यदि आपका खाता Ajantha Urban Co-operative Bank में है, तो घबराने की जरूरत नहीं है। आप DICGC के माध्यम से बीमा राशि के लिए दावा कर सकते हैं। साथ ही, बैंक के लिक्विडेटर से संपर्क में रहकर अपने दावे की स्थिति के बारे में समय-समय पर अपडेट ले सकते हैं।

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को-ऑपरेटिव बैंकों की स्थिति पर एक नजर

यह घटना भारत में को-ऑपरेटिव बैंकिंग सेक्टर की मौजूदा चुनौतियों को उजागर करती है। हाल के वर्षों में कई सहकारी बैंकों को RBI द्वारा लाइसेंस रद्द किए जाने की घटनाएं सामने आई हैं, जो इस सेक्टर में निगरानी और सुधार की आवश्यकता को रेखांकित करती हैं।

DICGC के नियम और कवरेज

DICGC भारतीय बैंकों के खाताधारकों को ₹5 लाख तक की जमा बीमा सुरक्षा प्रदान करता है, जिसमें बचत खाता, चालू खाता, फिक्स्ड डिपॉजिट और अन्य प्रकार की जमा राशि शामिल होती है। यदि बैंक का लाइसेंस रद्द हो जाता है या वह दिवालिया हो जाता है, तो DICGC जमाकर्ता को उनकी बीमित राशि का भुगतान करता है।

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