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किस्मत पलटी! यूपी के 41 गांवों के किसानों को मिलेगा 5000 करोड़ का मुआवजा – जानिए कौन-कौन शामिल

10 साल से इंतज़ार कर रहे किसानों को मिली सबसे बड़ी सौगात! ग्रेटर नोएडा के इन 41 गांवों को मिलेगा करोड़ों का मुआवजा – पूरी डिटेल्स और गांवों की लिस्ट जानने के लिए आगे पढ़ें

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किस्मत पलटी! यूपी के 41 गांवों के किसानों को मिलेगा 5000 करोड़ का मुआवजा – जानिए कौन-कौन शामिल
किस्मत पलटी! यूपी के 41 गांवों के किसानों को मिलेगा 5000 करोड़ का मुआवजा – जानिए कौन-कौन शामिल

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के किसानों के लिए बड़ी राहत की खबर सामने आई है। किस्मत पलटी उन किसानों की जो अब तक जमीन अधिग्रहण के चलते नुकसान झेल रहे थे। राज्य के 41 गांवों के किसानों को सरकार की ओर से 5000 करोड़ रुपये का मुआवजा (Compensation) दिए जाने की घोषणा की गई है। यह फैसला वर्षों से लंबित चल रहे विवादों को खत्म करने और विकास कार्यों को गति देने के उद्देश्य से लिया गया है।

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यह मुआवजा ग्रेटर नोएडा (Greater Noida) क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले गांवों के किसानों को मिलेगा, जहां पर बीते कुछ वर्षों में औद्योगिक विकास, रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स और इन्फ्रास्ट्रक्चर निर्माण के चलते भूमि अधिग्रहण किया गया था।

2011 से लंबित था किसानों का हक

गौरतलब है कि 2011 में जब यमुना एक्सप्रेसवे अथॉरिटी (Yamuna Expressway Authority) और ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी (Greater Noida Authority) द्वारा इन गांवों की जमीन अधिग्रहीत की गई थी, तब किसानों ने उचित मुआवजे की मांग को लेकर कई बार प्रदर्शन किया था।

वर्षों तक यह मामला न्यायालय और प्रशासनिक गलियारों में घूमता रहा। लेकिन अब राज्य सरकार ने किसानों की मांगों को स्वीकार करते हुए मुआवजे का रास्ता साफ कर दिया है।

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कहां-कहां के किसानों को मिलेगा मुआवजा

सरकारी जानकारी के अनुसार, मुआवजे की यह राशि ग्रेटर नोएडा वेस्ट (Greater Noida West) क्षेत्र के 41 गांवों के किसानों को दी जाएगी। इसमें प्रमुख गांवों के नाम शामिल हैं: बिसरख, डूंडाहेड़ा, हैबतपुर, खेड़ा चौगानपुर, इटैरा, सुल्तानपुर, रोहितास नगर, बदालपुर, पतवाड़ी, जलालपुर, बहलोलपुर, रिठौरी, जarcha, आदि।

इन गांवों की जमीन का अधिग्रहण रियल एस्टेट कंपनियों और औद्योगिक परियोजनाओं के लिए किया गया था, लेकिन उचित मुआवजा न मिलने की वजह से किसान नाराज थे।

कैसे तय हुआ मुआवजा

ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी और यमुना एक्सप्रेसवे अथॉरिटी ने सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुरूप किसानों से बातचीत के बाद मुआवजे की राशि तय की। इसके तहत जमीन की बाजार दर, समयानुसार ब्याज, और अन्य क्षतिपूर्ति को ध्यान में रखा गया।

यह मुआवजा सीधे किसानों के बैंक खातों में स्थानांतरित किया जाएगा ताकि पारदर्शिता बनी रहे और किसी तरह की धोखाधड़ी से बचा जा सके।

विकास बनाम अधिकार की लड़ाई

इस निर्णय के पीछे मुख्य उद्देश्य यह रहा कि किसान अपने अधिकारों से वंचित न हों, साथ ही क्षेत्रीय विकास को भी रोका न जाए। ग्रेटर नोएडा वेस्ट और यमुना एक्सप्रेसवे क्षेत्र को डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर, रेजिडेंशियल प्रोजेक्ट्स, और Renewable Energy सेक्टर में तेजी से विकसित किया जा रहा है।

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किसानों को उनका अधिकार देने से भविष्य में भूमि अधिग्रहण से जुड़े विरोध-प्रदर्शन की संभावना कम होगी और निवेशकों का विश्वास भी बढ़ेगा।

कितना मिलेगा प्रति किसान

हालांकि अभी मुआवजे की सटीक राशि प्रति किसान के हिसाब से घोषित नहीं की गई है, लेकिन सूत्रों के अनुसार औसतन एक किसान को 1 करोड़ से लेकर 3 करोड़ रुपये तक की राशि मिल सकती है, जो उनकी जमीन के क्षेत्रफल और लोकेशन पर निर्भर करेगा।

इसके अतिरिक्त कुछ किसानों को पुनर्वास और नौकरी की सुविधा भी दी जा सकती है, जैसा कि पहले की परियोजनाओं में किया गया है।

किसानों में खुशी की लहर

मुआवजे की घोषणा के बाद किसानों में जबरदस्त खुशी देखने को मिल रही है। उनका कहना है कि लंबे समय से चल रही उनकी मांगों को आखिरकार सरकार ने सुना। कई किसान इसे अपनी “किस्मत की पलटी” कह रहे हैं क्योंकि अब वे आर्थिक रूप से सशक्त हो पाएंगे।

ग्रेटर नोएडा किसान समिति और अन्य संगठनों ने इस निर्णय का स्वागत करते हुए इसे “ऐतिहासिक कदम” बताया है।

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