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Delhi Metro Liquor Rules: DMRC का बड़ा फैसला अब शराब के साथ कर सकेंगे मेट्रो में सफर, लेकिन शर्तें जानना है जरूरी

अब दिल्ली मेट्रो में यात्री दो सील्ड शराब की बोतलें अपने साथ ले जा सकते हैं, लेकिन पीने की इजाजत नहीं है। यह निर्णय CISF की अनुमति के बाद लागू किया गया है और यात्रियों से गरिमा बनाए रखने की अपील की गई है। नियमों के उल्लंघन पर सख्त कार्रवाई होगी।

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Delhi Metro Liquor Rules: DMRC का बड़ा फैसला अब शराब के साथ कर सकेंगे मेट्रो में सफर, लेकिन शर्तें जानना है जरूरी
Delhi Metro Liquor Rules

दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (DMRC) ने हाल ही में एक बड़ा और अहम फैसला लिया है, जो खासतौर पर शराब के शौकीनों के लिए राहत भरी खबर है। अब दिल्ली मेट्रो में यात्री दो सील्ड शराब की बोतलें अपने साथ ले जा सकते हैं। यह छूट पहले सिर्फ एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन तक सीमित थी, लेकिन अब इसे पूरे मेट्रो नेटवर्क में लागू कर दिया गया है। इस फैसले के पीछे केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) और DMRC के बीच हुई एक अहम बैठक रही, जिसमें सुरक्षा और व्यवहार से जुड़ी तमाम शर्तों पर विचार कर यह निर्णय लिया गया।

एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन के नियमों का पूरे नेटवर्क में विस्तार

अब तक दिल्ली मेट्रो में शराब ले जाने पर सख्त पाबंदी थी, लेकिन एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन इस नियम से बाहर थी। चूंकि यहां से यात्री अक्सर अंतरराष्ट्रीय हवाई यात्रा कर लौटते हैं और उनके पास ड्यूटी फ्री शॉप से खरीदी गई शराब होती है, इसलिए उन्हें छूट दी गई थी। अब DMRC ने यह निर्णय लिया है कि यही नियम पूरे मेट्रो नेटवर्क पर लागू किए जाएंगे, जिससे हर लाइन पर समान व्यवस्था रहेगी। इस फैसले से न केवल यात्रियों को सहूलियत मिलेगी, बल्कि शराब के साथ यात्रा करने वालों की सुविधा और नियमों की स्पष्टता भी सुनिश्चित होगी।

शर्तें सख्त, जिम्मेदारी तय

हालांकि, इस छूट के साथ DMRC ने कुछ सख्त शर्तें भी तय की हैं। सबसे अहम शर्त यह है कि यात्रियों के पास जो शराब की बोतलें होंगी, वे पूरी तरह सील्ड होनी चाहिए। यानी बोतल खोली नहीं जानी चाहिए। सिर्फ दो बोतलें ले जाने की अनुमति होगी और किसी भी हालत में मेट्रो परिसर में शराब पीने की इजाजत नहीं दी जाएगी। DMRC ने यह भी चेतावनी दी है कि यदि कोई यात्री नशे की हालत में पाया गया या मेट्रो में अनुचित व्यवहार करता नजर आया, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

CISF की निगरानी में सुरक्षित सफर

मेट्रो स्टेशनों की सुरक्षा की जिम्मेदारी केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) पर है। इसलिए DMRC ने यह फैसला लेने से पहले CISF अधिकारियों के साथ बैठक की और उनकी सहमति के बाद ही इस नीति में बदलाव किया गया। सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करते हुए यह सुनिश्चित किया जाएगा कि इस छूट का गलत फायदा न उठाया जाए और मेट्रो यात्रा का अनुशासन बना रहे।

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