
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड-BCCI ने बेंगलुरु स्थित अपने अत्याधुनिक BCCI सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में स्पिन बॉलिंग कोच के पद के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं। यह भूमिका भारतीय क्रिकेट की भविष्य की रीढ़ बनने वाले युवा स्पिन गेंदबाजों को निखारने के लिए बेहद अहम मानी जा रही है। BCCI ने इस संबंध में प्रेस रिलीज जारी कर इच्छुक और योग्य उम्मीदवारों से आवेदन मांगे हैं। आवेदन की अंतिम तिथि 10 अप्रैल 2025 शाम 5 बजे निर्धारित की गई है।
इस पद की महत्ता केवल एक कोचिंग रोल तक सीमित नहीं है, बल्कि यह भारत की पुरुष और महिला सीनियर टीमों, इंडिया ए, अंडर-23, अंडर-19, अंडर-16 और अंडर-15 आयु वर्ग की टीमों के साथ-साथ राज्य संघों के खिलाड़ियों के समग्र विकास और प्रदर्शन में महत्वपूर्ण योगदान देने वाली भूमिका है।
स्पिन बॉलिंग कोच की भूमिका और जिम्मेदारियां
BCCI की ओर से स्पष्ट किया गया है कि स्पिन बॉलिंग कोच को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के हेड ऑफ क्रिकेट के साथ समन्वय बनाकर काम करना होगा। यह कोच चयनकर्ताओं, राष्ट्रीय और राज्य टीमों के कोचों, प्रदर्शन विश्लेषकों और स्ट्रेंथ व कंडीशनिंग एक्सपर्ट्स के साथ मिलकर हाई-परफॉरमेंस ट्रेनिंग प्लान्स तैयार करेगा।
इस भूमिका में कोच को न केवल समूह स्तर पर कोचिंग देना होगा, बल्कि आवश्यकता पड़ने पर व्यक्तिगत तकनीकी प्रशिक्षण भी प्रदान करना होगा। इसके साथ ही प्रतिभाशाली स्पिन गेंदबाजों की खोज, ट्रैकिंग और उन्हें तराशने की रणनीति का भी हिस्सा रहना होगा।
आवेदन के लिए योग्यता और अनुभव
BCCI ने इस पद के लिए विशिष्ट योग्यता और अनुभव मानदंड तय किए हैं:
पूर्व भारतीय क्रिकेटर या कम से कम 75 प्रथम श्रेणी मैच खेलने वाले पूर्व भारतीय फर्स्ट क्लास क्रिकेटर, जिन्होंने पिछले 7 वर्षों में से कम से कम 3 वर्षों तक किसी हाई-परफॉरमेंस सेंटर, इंटरनेशनल टीम, इंडिया ए, इंडिया अंडर-19, इंडिया महिला या आईपीएल-IPL टीम के साथ कोचिंग का अनुभव हासिल किया हो।
BCCI COE लेवल 3 परफॉरमेंस कोच, जिसके पास उपरोक्त टीमों के साथ पिछले 7 वर्षों में कम से कम 3 वर्षों का कोचिंग ट्रैक रिकॉर्ड हो।
BCCI COE लेवल 2 कोच भी आवेदन कर सकते हैं, यदि उनके पास पिछले 7 सालों में से कम से कम 3 वर्षों तक इंटरनेशनल, IPL या स्टेट टीम के साथ कोचिंग का अनुभव है। इसके अतिरिक्त, कोचिंग आवेदक के पास खिलाड़ी विकास योजनाओं को डिजाइन और लागू करने तथा उच्च प्रदर्शन योजना की निगरानी में भी सिद्ध अनुभव होना आवश्यक है।