
दिल्ली में महिलाओं को बसों में मुफ्त यात्रा (Free Bus Travel) की सुविधा को लेकर मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने बजट भाषण में एक नया कदम उठाया है। उन्होंने घोषणा की है कि अब महिलाओं को “पिंक टिकट” की जगह “पिंक कार्ड” दिया जाएगा, जिससे केवल दिल्ली की निवासी महिलाएं ही इस सुविधा का लाभ उठा सकेंगी। यह कदम सरकार द्वारा पारदर्शिता लाने और पुराने भ्रष्टाचार के मामलों पर अंकुश लगाने की दिशा में उठाया गया है।
आईपीओ-IPO नहीं, अब पिंक कार्ड का सत्यापन होगा ज़रूरी
मुख्यमंत्री के अनुसार, पिंक कार्ड केवल उन्हीं महिलाओं को जारी किया जाएगा जो दिल्ली की निवासी होंगी। इसके लिए महिलाओं का सत्यापन ज़रूरी होगा जिसमें उनके दिल्ली में निवास का प्रमाण पत्र और निवास की अवधि से संबंधित जानकारी मांगी जाएगी। यह नया तरीका यह सुनिश्चित करेगा कि केवल वास्तविक लाभार्थियों को ही यह सुविधा मिले।
पिछली सरकार की “पिंक टिकट” व्यवस्था पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए रेखा गुप्ता ने कहा कि उस समय एक टिकट के बदले चार टिकटों का बिल बनाया जाता था, जिससे डीटीसी को करोड़ों का नुकसान हुआ। कैग रिपोर्ट में दिल्ली परिवहन निगम (DTC) के 14,000 करोड़ रुपये के घाटे की बात कही गई है, जिसे वर्तमान सरकार बहुत गंभीरता से ले रही है।
अब केवल दिल्ली निवासी महिलाएं ही कर सकेंगी फ्री बस यात्रा
पिंक कार्ड लागू होने के बाद, बाहर से आने वाली महिलाएं जैसे नोएडा, गुरुग्राम, गाजियाबाद या अन्य राज्यों की महिलाएं इस सुविधा का लाभ नहीं ले पाएंगी। पहले डीटीसी की बसों में उत्तर प्रदेश, हरियाणा और अन्य सीमावर्ती इलाकों से आने वाली महिलाओं को भी मुफ्त यात्रा मिलती थी, लेकिन अब यह बंद कर दिया जाएगा।
बाहरी महिलाओं को अब नहीं मिलेगा लाभ, रोहिंग्या और बांग्लादेशियों पर भी रोक
सरकार का यह भी दावा है कि पिछली योजनाओं में बाहरी नागरिकों, जैसे रोहिंग्या और बांग्लादेशी महिलाओं को भी मुफ्त यात्रा की सुविधा मिल जाती थी, जिससे योजना का दुरुपयोग हो रहा था। रेखा गुप्ता ने स्पष्ट किया कि उनकी सरकार दिल्ली की महिलाओं को ही यह लाभ देगी और इसके लिए सख्त सत्यापन प्रक्रिया अपनाई जाएगी।
Renewable Energy नहीं, अब फोकस है महिलाओं के लिए ट्रांसपोर्ट में पारदर्शिता पर
इस योजना का उद्देश्य न केवल महिलाओं को सुरक्षित और सुलभ परिवहन सुविधा देना है, बल्कि सरकारी खर्चों में पारदर्शिता और जवाबदेही भी सुनिश्चित करना है। जिस तरह Renewable Energy के क्षेत्र में पारदर्शिता ज़रूरी है, वैसे ही पब्लिक ट्रांसपोर्ट में भी योजनाओं का दुरुपयोग रोके जाने की आवश्यकता महसूस की गई।