
केंद्र सरकार (Central Government) द्वारा सवर्ण वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए 10% आरक्षण की व्यवस्था की गई है, जिसे EWS यानी Economically Weaker Section आरक्षण कहा जाता है। यह आरक्षण सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश के लिए मान्य है। इसके तहत योग्य नागरिकों को EWS Certificate प्राप्त करना जरूरी है। हालांकि अधिकांश राज्यों ने इस व्यवस्था को लागू कर दिया है, लेकिन सर्टिफिकेट बनवाने की प्रक्रिया को लेकर लोगों में भ्रम और परेशानियां देखी जा रही हैं। ऐसे में यदि आप EWS आरक्षण का लाभ लेना चाहते हैं, तो इसके लिए सटीक पात्रता और प्रक्रिया को समझना बेहद आवश्यक है।
EWS का लाभ किन्हें मिल सकता है
EWS Certificate उन सवर्ण नागरिकों के लिए उपलब्ध है, जिनकी वार्षिक पारिवारिक आय ₹8,00,000 से कम है। इसके साथ ही कुछ अन्य मापदंडों का भी पालन करना अनिवार्य है। यदि आपके पास 5 एकड़ से अधिक कृषि भूमि नहीं है और आप जिस मकान में रह रहे हैं उसकी क्षेत्रफल 1000 स्क्वायर फीट से कम है, तो आप पात्र माने जा सकते हैं। शहरी क्षेत्र में रहने वाले लोगों के लिए अतिरिक्त शर्त यह है कि उनके पास 100 वर्ग गज (लगभग 900 वर्ग फीट) से अधिक का आवासीय प्लॉट नहीं होना चाहिए। इन शर्तों के आधार पर ही यह तय किया जाता है कि आप EWS कैटेगरी में आते हैं या नहीं।
EWS Certificate कैसे बनवाएं
EWS Certificate बनवाने की प्रक्रिया अब पहले से कहीं अधिक आसान हो गई है। आप इसे ऑनलाइन ईमित्र (e-Mitra) पोर्टल के माध्यम से आवेदन करके बनवा सकते हैं। इसके लिए सबसे पहले सरकार द्वारा निर्धारित फॉर्म भरना होगा, जो ईमित्र कियोस्क से प्राप्त किया जा सकता है। इस आवेदन पत्र के साथ जरूरी दस्तावेज जैसे राशन कार्ड, आधार कार्ड, पिता का आधार कार्ड, सामान्य जाति प्रमाण पत्र और आय प्रमाण पत्र संलग्न करने होंगे।
ध्यान रहे कि यदि आपके पास जाति प्रमाण पत्र उपलब्ध नहीं है, तो जमीन के स्वामित्व से संबंधित दस्तावेज मान्य माने जाएंगे। सभी दस्तावेज संलग्न करने के बाद ईमित्र ऑपरेटर एक रसीद प्रदान करेगा और आवेदन को संबंधित जिले के SDM कार्यालय में भेज दिया जाएगा। यहां से दस्तावेजों की जांच की जाती है और यदि सभी जानकारी सही पाई जाती है, तो अगले दिन EWS Certificate जारी कर दिया जाता है।