
8th Pay Commission की घोषणा ने केंद्र सरकार के कर्मचारियों के बीच एक नई उम्मीद जगा दी है। अगर सब कुछ योजना के अनुसार चलता है, तो साल 2026 या 2027 से इन कर्मचारियों की मंथली सैलरी में ₹14,000 से लेकर ₹19,000 तक की जबरदस्त बढ़ोतरी हो सकती है। Goldman Sachs की रिपोर्ट के अनुसार, 8वें वेतन आयोग का गठन अप्रैल 2025 में होने की प्रबल संभावना है।
वेतन बढ़ोतरी के नए अनुमान
वर्तमान में केंद्र सरकार के कर्मचारियों की औसत मासिक सैलरी ₹1 लाख है। 8th Pay Commission के लागू होते ही यह सैलरी करीब 14-19% तक बढ़ सकती है। सरकार की ओर से बजट आवंटन के आधार पर तीन परिदृश्य उभरते हैं:
अगर सरकार ₹1.75 लाख करोड़ का आवंटन करती है, तो सैलरी में ₹14,600 की वृद्धि संभव है।
अगर ₹2 लाख करोड़ का बजट रखा जाता है, तो ₹16,700 की बढ़ोतरी देखने को मिलेगी।
वहीं, ₹2.25 लाख करोड़ की राशि तय होने पर वेतन में ₹18,800 तक की बढ़त हो सकती है।
किसे होगा फायदा?
इस प्रस्ताव से 50 लाख से अधिक केंद्र सरकार के कर्मचारी और 65 लाख से ज्यादा पेंशनर्स सीधे लाभान्वित होंगे। पिछली बार, 7वें वेतन आयोग के तहत सरकार ने ₹1.02 लाख करोड़ खर्च किए थे, और इस बार इससे अधिक राशि खर्च होने की उम्मीद जताई जा रही है।
8वें वेतन आयोग
16 जनवरी 2025 को केंद्रीय कैबिनेट ने 8th Pay Commission को औपचारिक स्वीकृति दी थी। हालांकि, अभी तक इसके अध्यक्ष, सदस्य और नियम व शर्तें तय नहीं की गई हैं। आयोग की रिपोर्ट आने के बाद ही नया वेतन ढांचा अंतिम रूप लेगा।
फिटमेंट फैक्टर
फिटमेंट फैक्टर वेतन बढ़ोतरी का मूल आधार होता है। 7वें वेतन आयोग में यह 2.57 रखा गया था, जिससे न्यूनतम वेतन ₹7,000 से बढ़कर ₹18,000 हो गया था।
अगर यही फैक्टर 8वें वेतन आयोग में भी लागू होता है, तो न्यूनतम वेतन ₹46,260 तक पहुंच सकता है। वहीं, पेंशन ₹9,000 से बढ़कर ₹23,130 हो सकती है।
हालांकि, कुछ एक्सपर्ट का मानना है कि इस बार फिटमेंट फैक्टर 1.92 भी रह सकता है, जिससे न्यूनतम वेतन ₹34,560 तक होगा।
विशेषज्ञों की राय
नेशनल काउंसिल-ज्वाइंट कंसल्टेटिव मशीनरी के सचिव का कहना है कि फिटमेंट फैक्टर 2.57 या उससे अधिक होना चाहिए ताकि कर्मचारियों को वाजिब बढ़ोतरी मिल सके। वहीं, पूर्व वित्त सचिव सुभाष गर्ग का मानना है कि 2.86 का फैक्टर अव्यावहारिक है और यह संभवतः 1.92 के आसपास रह सकता है।