
प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना (PM Kisan Mandhan Yojana) छोटे और सीमांत किसानों के लिए शुरू की गई एक महत्वाकांक्षी सरकारी पेंशन योजना है। इस योजना के तहत किसान मात्र ₹55 से लेकर ₹200 तक मासिक अंशदान करके अपने बुढ़ापे के लिए ₹3000 प्रति माह की सुनिश्चित पेंशन प्राप्त कर सकते हैं। योजना को 12 सितंबर 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लांच किया गया था और अब तक इसमें देशभर के 23 लाख 38 हजार से अधिक किसान पंजीकृत हो चुके हैं।
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छोटे किसानों के लिए सुरक्षित भविष्य की योजना
PM Kisan Mandhan Yojana का उद्देश्य देश के ऐसे किसानों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना है, जिनकी आय सीमित है और जो वृद्धावस्था में आर्थिक संकट का सामना करते हैं। इस योजना के तहत पात्र किसानों को 60 वर्ष की आयु के बाद ₹3000 की मासिक पेंशन दी जाती है, जिससे वे आत्मनिर्भर बन सकें।
न्यूनतम ₹55 से लेकर अधिकतम ₹200 तक का योगदान
इस योजना की खास बात यह है कि इसमें किसान की उम्र के अनुसार मासिक योगदान तय होता है। उदाहरण के लिए, 18 वर्ष की आयु में कोई किसान इस योजना से जुड़ता है, तो उसे ₹55 प्रति माह का अंशदान देना होगा। वहीं, 40 वर्ष की उम्र में जुड़ने वाले किसान को ₹200 प्रति माह तक जमा करना होगा। यह अंशदान 60 वर्ष की उम्र तक जमा करना होता है, जिसके बाद उन्हें ₹3000 प्रति माह पेंशन मिलनी शुरू हो जाती है।
केंद्र सरकार भी देती है बराबरी का योगदान
इस योजना की एक और खास विशेषता यह है कि इसमें किसान जितना योगदान करता है, उतना ही अंशदान केंद्र सरकार भी उसकी पेंशन निधि में करती है। इसका मतलब है कि किसान द्वारा जमा की गई राशि दोगुनी होकर उनके रिटायरमेंट फंड में जाती है। इससे उनके भविष्य को एक स्थायी और भरोसेमंद आर्थिक सुरक्षा मिलती है।
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बिहार बना अग्रणी राज्य
प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना को लेकर राज्यों में सक्रियता बढ़ी है, लेकिन बिहार इस योजना के अंतर्गत सबसे आगे है। यहां सबसे अधिक किसानों ने इस योजना से जुड़कर इसका लाभ उठाया है। इससे साफ है कि ग्रामीण क्षेत्रों में इस योजना को लेकर जागरूकता और भरोसा दोनों तेजी से बढ़ रहे हैं।
कौन हैं पात्र?
इस योजना का लाभ वे किसान उठा सकते हैं, जिनकी आयु 18 से 40 वर्ष के बीच है और जिनके पास 2 हेक्टेयर या उससे कम कृषि भूमि है। साथ ही, वे इनकम टैक्स दाता नहीं होने चाहिए। योजना में पंजीकरण के लिए किसानों को आधार कार्ड और बैंक खाता अनिवार्य रूप से देना होता है।
पंजीकरण प्रक्रिया सरल और ऑनलाइन
PM Kisan Mandhan Yojana के लिए किसान नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) पर जाकर पंजीकरण कर सकते हैं। इसके अलावा यह प्रक्रिया ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से भी की जा सकती है। पंजीकरण के समय किसानों को अपना आधार कार्ड, बैंक खाता विवरण और जमीन से संबंधित दस्तावेज देने होते हैं।
योजना में निवेश, फायदे का सौदा
इस योजना को लेकर ग्रामीण भारत में उत्साह इसलिए भी है क्योंकि न्यूनतम ₹55 के निवेश पर ₹3000 की मासिक पेंशन एक लाभकारी प्रस्ताव है। यह योजना आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के किसानों के लिए विशेष रूप से लाभदायक है, जो वृद्धावस्था में किसी प्रकार की सामाजिक सुरक्षा नहीं रखते।
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स्कीम की डिमांड बढ़ी
हाल ही में सामने आए आंकड़ों से यह साफ है कि PM Kisan Mandhan Yojana को लेकर देशभर के किसानों में खासा उत्साह है। अब तक 23 लाख से अधिक किसान इससे जुड़ चुके हैं और संख्या लगातार बढ़ रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि सरकार राज्य और जिला स्तर पर प्रचार-प्रसार तेज करे, तो यह आंकड़ा और भी तेजी से बढ़ सकता है।
भविष्य की तैयारी में सहायक
जैसे-जैसे देश में जीवन प्रत्याशा बढ़ रही है, वैसे ही वृद्धावस्था में आर्थिक सुरक्षा की जरूरत भी बढ़ती जा रही है। PM Kisan Mandhan Yojana इस दिशा में एक बड़ा कदम है, जिससे न केवल किसान समाज को आत्मनिर्भरता मिल रही है, बल्कि यह Rural India में सामाजिक सुरक्षा के मजबूत स्तंभ के रूप में उभर रही है।