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2 लाख से ज्यादा कैश लिया तो लगेगा पूरा जुर्माना! इनकम टैक्स का ये नियम कर देगा परेशान

धारा 269ST के तहत ₹2 लाख या उससे अधिक कैश लेना या देना, चाहे किसी भी रूप में हो, जुर्माने का कारण बन सकता है। इस लेख में समझाया गया है कि कैसे यह नियम काम करता है और इससे बचने के लिए क्या कदम उठाने चाहिए। रियल केस उदाहरण से पाठकों को सावधान रहने का संदेश भी दिया गया है।

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2 लाख से ज्यादा कैश लिया तो लगेगा पूरा जुर्माना! इनकम टैक्स का ये नियम कर देगा परेशान
Income Tax Law

भारत में आज भी कई ऐसे क्षेत्र हैं जहां कैश लेनदेन का बोलबाला है। खासकर रियल एस्‍टेट, बिजनेस डील और पारिवारिक या सामाजिक आयोजनों में नकद भुगतान को प्राथमिकता दी जाती है। लेकिन कई लोग इस बात से अनजान हैं कि ऐसे बड़े कैश ट्रांजेक्शन पर आयकर कानून (Income Tax Law) की धारा 269ST के तहत सख्त दंड का प्रावधान है। अगर आपने ₹2 लाख या उससे अधिक कैश लिया या दिया, तो आप अपनी पूरी रकम गंवा सकते हैं और साथ ही 100% जुर्माने के पात्र बन सकते हैं।

Income Tax की धारा 269ST क्या कहती है?

इनकम टैक्स एक्ट की धारा 269ST के मुताबिक, कोई भी व्यक्ति ₹2 लाख या उससे अधिक की राशि नकद रूप में एक दिन में, एक व्यक्ति से, एक लेनदेन या संबंधित लेनदेन की श्रृंखला में प्राप्त नहीं कर सकता। इसका सीधा अर्थ यह है कि अगर आप दिन भर में या एक ही सौदे में टुकड़ों में कैश लेकर यह सोचते हैं कि आप नियम से बच जाएंगे, तो यह पूरी तरह गलत है।

उदाहरण से समझिए नियम का दायरा

मान लीजिए आपने किसी को सुबह ₹1.5 लाख और शाम को ₹1 लाख नकद में दिए, तब भी यह कुल ₹2.5 लाख बनता है जो नियम के उल्लंघन की श्रेणी में आता है। चाहे यह भुगतान एक ही दिन में हो या तीन दिनों तक रोजाना ₹1 लाख देकर किया जाए, कुल राशि अगर ₹2 लाख से अधिक हुई, तो पूरा अमाउंट जब्त हो सकता है और उतनी ही राशि का जुर्माना लग सकता है।

इसी तरह, यदि शादी या किसी कार्यक्रम में खानपान और सजावट के लिए अलग-अलग लोगों को कैश में भुगतान किया गया और वह राशि कुल मिलाकर ₹2 लाख से अधिक हुई, तो यह भी गैरकानूनी माना जाएगा। आयकर विभाग इसे एक लेनदेन की तरह देखता है।

एक रियल केस जो चेतावनी बन गया

सीए नितिन कौशिक ने एक मामले का ज़िक्र किया जिसमें एक व्यक्ति को प्रॉपर्टी बेचने के बाद 6 महीने तक हर महीने ₹5 लाख नकद में मिले। उसने कभी ₹2 लाख से अधिक की राशि एक बार में नहीं ली, लेकिन कुल राशि ₹30 लाख थी। आयकर विभाग ने इस पर पूरा ₹30 लाख का जुर्माना ठोक दिया। इससे साफ है कि नियम को तोड़ने का मतलब है, जितना पैसा मिला है, उतना ही खोने की तैयारी कर लीजिए।

कैसे बचा जा सकता है इस नियम के उल्लंघन से?

इस नियम से बचाव का एक ही तरीका है—डिजिटल लेनदेन का इस्तेमाल करें। चाहे वो बैंक ट्रांसफर हो, UPI हो या अन्य कोई डिजिटल पेमेंट मोड। कभी भी ₹2 लाख या उससे अधिक कैश ट्रांजेक्शन को स्वीकार न करें, भले ही वह टुकड़ों में क्यों न हो। नियम में यह साफ लिखा है कि किश्तों में या अलग-अलग दिनों में किया गया भुगतान भी अगर ₹2 लाख से ज्यादा का हो गया, तो वह भी इसी दंड के अंतर्गत आएगा।

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